कृषि अध्यादेश के विरोध में शिरोमणी अकाली दल की हरसिमरत कौर का मंत्री पद से इस्तीफा

एनडीए सरकार में घटक शिरोमणी अकाली दल के कोटे से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने गुरुवार को मोदी कैबिनेट से कृषि संबंधी तीन विधेयकों का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में इन विधेयकों को किसान विरोधी कदम बताया और कहा कि उनकी पार्टी की एकमात्र मंत्री इस्तीफा दे देंगी। इसके फौरन बाद हरसिमरत कौर ने इस्तीफे का ऐलान किया।

हरसिमरत कौर ने इस्तीफे के जरिए यह जताने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर किसानों के साथ है। पंजाब के किसान इस बिल का विरोध कर रहे हैं ऐसे में पार्टी यह बिल्कुल नहीं चाहती कि उसकी छवि किसान विरोधी है, और वह इस मुद्दे पर किसानों के साथ है। शिरोमणि अकील दल की तरफ से मोदी सरकार में हरसिमरत बादल ही एकमात्र प्रतिनिधि थीं।

पंजाब की यह पार्टी बीजेपी का सबसे पुराना सहयोगी दल है। हालांकि, सुखबीर बादल ने जब यह ऐलान किया कि मोदी सरकार से उनका मंत्री इस्तीफा देगा, उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल सरकार और बीजेपी का समर्थन जारी रखेगी। लेकिन, किसान विरोधी नीतियों का विरोध करेगी।

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान 5 जून को कृषि संबंधी तीन अध्यादेश लाए गए थे और संसद सत्र के ऐलान के साथ ही खासकर पंजाब और हरियाणा के किसान इन अध्यादेशों के विरोध में सडक़ों पर उतर आए। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अध्यादेशों के खिलाफ 28 अगस्त को विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर चुकी है। कांग्रेस के साथ विपक्षी पार्टियां- तृणमूल कांग्रेस, बसपा, एनसीपी और माकपा भी इन बिलों का विरोध कर रही है। हालांकि, महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार चला रही शिवसेना इस बिल पर सरकार के साथ खड़ी दिखाई दी।