पौष माह में नहीं किए जाते यह कार्य

हिन्दू पंचांग के 10 वे महीने को पौष कहा जाता है। इस महीने में हेमंत ऋतू के प्रभाव के कारण ठंड काफी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में सूर्य देव 11000 किरणों के साथ व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य और ऊर्जा प्रदान करते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पौष के महीने में अगर सूर्य देव की नियमित उपासना से बेहतर स्वास्थ्य और जीवन में संपन्नता आती है। पौष का महीना 13 दिसंबर से शुरू हो गया है। पौष मास को खर मास भी कहा जाता है। खर मास मकर संक्रांति तक रहता है। खर मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। आइए, अब हम आपको बताते हैं इस महीने कौन से कार्य नहीं करने चाहिए।

पौष मास में विवाह करना शुभ नहीं मन जाता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में विवाह को लेकर कोई बातचीत भी नहीं करनी चाहिए। पौष मास में भूमि पूजन, गृह प्रवेश, मुंडन और जनेऊ संस्कार जैसे कार्य भी नहीं किए जाते हैं।

पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व होता है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह महीना विशेषतौर पर सूर्य देव को समर्पित है। धार्मिक पुराणों में सूर्य को प्रधान देवता माना गया है। नोकामनाओं की पूर्ति के लिए हर महीने में सूर्य के एक विशिष्ट रूप की पूजा का विधान है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार पौष के महीने में भग नामक सूर्य की उपासना होती है। अथर्ववेद और सूर्योपनिषद में सूर्य देव को परब्रह्म माना गया है।