विधानसभा चुनाव के लिए गहलोत को गुजरात का जिम्मा, पायलट बने हिमाचल के पर्यवेक्षक

जयपुर। गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने पर्यवेक्षक की घोषणा कर दी है। गुजरात में वरिष्ठ पर्यवेक्षक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बनाया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव में भी प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं। गहलोत के नेतृत्व में गुजरात में पिछली बार कांग्रेस का बेहतरीन प्रदर्शन रहा। हालांकि, कांग्रेस पार्टी गुजरात में सत्ता में नहीं आ सकी थी, लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह के गढ़ में जिस तरह से उन्होंने चुनौती दी थी, उसका हर कोई कायल था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है, तो वहीं उनके सहयोग के लिए कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा और मध्य प्रदेश के मंत्री टी. एस. सिंह देव को ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे सचिन पायलट को भी हिमाचल विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है तो वहीं राजस्थान के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को पर्यवेक्षक और प्रताप सिंह बाजवा को भी पर्यवेक्षक बनाया गया है।

गुजरात चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाने के बाद अब गुजरात के चुनाव की जिम्मेदारी राजस्थानी नेताओं के कंधे पर आ गई है। पहले ही गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा हैं जो राजस्थान के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं। वहीं, राजस्थान के तेरह मंत्रियों और ग्यारह विधायकों को गुजरात की विभिन्न विधानसभाओं में पहले ही पर्यवेक्षक लगा दिया गया है। ऐसे में गुजरात विधानसभा का चुनाव इस बार राजस्थान के नेताओं के ही जिम्मे दिखाई दे रहा है।

गहलोत ने पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव में काफी बेहतर प्रदर्शन किया था। दोनों ही राज्यों में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। गुजरात और हिमाचल में इस समय बीजेपी सत्ता में है। दोनों ही राज्यों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी लगातार अभियान चला रही है। ऐसे में कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है।