प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन : राजस्थान फांउडेशन सहित विश्वभर से बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी लेंगे भाग

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन

 

इंदौर में 8 जनवरी से 3 दिवसीय 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन हो रहा है आयोजित

जयपुर । इंदौर में 8 से 10 जनवरी को आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (पीबीडी) के 17वें संस्करण में प्रत्येक वर्ष की तरह राजस्थान फांउडेशन बढ़-चढ़ कर भाग ले रहा है। यह जानकारी कमिश्नर, राजस्थान फांउडेशन, धीरज श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में विश्व भर से बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी शिरकत करेंगे। इसके साथ ही राजस्थान सरकार की उद्योग मंत्री शंकुतला रावत और अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग, वीनू गुप्ता भी शिरकत करेंगी।

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
फाइल फोटो

कमिश्नर, राजस्थान फाउंडेशन नेे आगे कहा कि राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दूरदर्शी सोच और विजन के अनुरूप प्रवासी राजस्थानियों को उनकी मातृभूमि से जोडऩे के उद्देश्य के तहत राजस्थान फाउंडेशन कार्यरत है।

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इसी उद्देश्य को ध्यान में रख कर यूरोप, यूएस, ब्रिटेन, दुबई, केन्या एवं अन्य देश जहां प्रवासी राजस्थानी बड़ी संख्या में कार्यरत है, वहाँ राजस्थान फाउंडेशन अपनी पहुंच बढ़ा रहा है।

 

हाल ही में लांच की गई एनआरआर नीति के तहत राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में एनआरआरएस (नॉन रेजिडेंट राजस्थानियों) को शामिल करने और उनके साथ लाभकारी संबंध बनाने की योजना बनाने का प्रस्ताव है।

पोलैंड के प्रवासी राजस्थानी अमित कैलाश चंद्र लाठ को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
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पीबीडी सम्मेलन के अंतिम दिवस, 10 जनवरी को आयोजित समापन सत्र में भारत के माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू पोलैंड के प्रवासी राजस्थानी अमित कैलाश चंद्र लाठ को व्यवसाय एवं सामुदायिक कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। इस वर्ष राष्ट्रपति द्वारा विभिन्न श्रेणियों में 27 पुरस्कार दिए जाएंगे।

लाठ राजस्थान के मंडेला से है, वे शरदा ग्रुप के सीईओ है । उन्होंने युक्रेन युद्ध के दौरान राजस्थान फाउंडेशन व भारत सरकार के साथ मिल कर काफी प्रवासियों को सकुशल स्वदेश वापसी व सुरक्षित स्थानों पर पहुचाने में अभूतपूर्व सहयोग दिया ।

सम्मेलन में कुवैत, केन्या, क़तर, म्यांमार, यूगांडा, पोलैंड, अमेरिका, इंग्लैंड, दुबई और अन्य कई देशों से प्रवासी राजस्थानी स्वयं अथवा प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लेंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए) प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वाेच्च सम्मान है। यह पुरस्कार भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा अनिवासी भारतीयों, भारतीय मूल के व्यक्तियों अथवा उनके द्वारा स्थापित एवं संचालित संगठन/संस्थान की उत्कृष्ट उपलब्धियों पर पीबीडी के हिस्से के रूप में प्रदान किया जाता है।

27 हस्तियों को सम्मानित करेंगी राष्ट्रपति

विदेशों में बसे अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल की राजनीतिक, कला, शिक्षा, व्यापार और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हस्तियों को उनकी उपलब्धि के लिए हर वर्ष दिया जाने वाला प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए) की 2023 के लिए घोषणा की जा चुकी है। ज्यूरी-सह-पुरस्कार समिति के अध्यक्ष भारत के वाइस प्रेसीडेंट और उपाध्यक्ष के रूप में विदेश मंत्री और विभिन्न क्षेत्रों के अन्य विशिष्ट सदस्यों ने बतौर ज्यूरी मेंबर प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार, 2023 के लिए नामांकन पर विचार करते हुए सर्वसम्मति से पुरस्कार विजेताओं का चयन करते हुए 2023 के विजेताओं की सूची कर दी है।

8-10 जनवरी 2023 को प्रस्तावित प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के सत्रवें संस्करण के दौरान विजेताओं को भारत के राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन 2023 के समापन वाले दिन इन पुरस्कारों से नवाजा जाएगा। प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए) प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। जो प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के दौरान भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय मूल के व्यक्तियों या अनिवासी भारतीयों या भारतीय मूल की उन शख्सियतों को दिया जाता है जो अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट क्षमता का प्रदर्शन करते हुए भारत और विदेश में अपने द्वारा स्थापित संगठन या संस्थान के माध्यम से समाज सेवा और सामाजिक कार्य कर रहे हैं और देश के साथ विदेश में भी अपने परोपकारी व सेवा कार्यों से पहचाने जाते हैं। दोनों देशों के बीच सामंजस्य बैठाने का करते हैं साथ ही बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं।

यह है प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार, 2023 के विजेता

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
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ऑस्ट्रेलिया से प्रो. जगदीश चेन्नुपति (साइंस और टेक्नोलॉजी / एजुकेशन), भूटान से प्रो. संजीव मेहता (एजुकेशन), ब्राजील से प्रो. दिलीप लौंडो ( आर्ट एंड कल्चर/ एजुकेशन), ब्रूनेई- दारएस्सलाम से डॉ अलेक्जेंडर मलाइकेल जॉन (मेडिसिन), कनाडा से डॉ वैकुंठम अय्यर लक्ष्मणन (कम्युनिटी वेलफेयर), क्रोएशिया से जोगिंदर सिंह निज्जर ( आर्ट एंड कल्चर /एजुकेशन), डेनमार्क से प्रो. रामजी प्रसाद (इनफॉर्मेशन और टेक्नोलॉजी), इथोपिया से डॉ कन्नन अम्बलम (कम्युनिटी वेलफेयर), जर्मनी से डॉ. अमल कुमार मुखोपाध्याय (कम्युनिटी वेलफेयर/मेडिकल), गुयाना से डॉ मोहम्मद इरफान अली ( पॉलिटिक्स/कम्युनिटी वेलफेयर ), इजराइल से रीना विनोद पुष्करणा (बिजनेस/कम्युनिटी वेलफेयर), जापान से डॉ. मकसूदा सरफी श्योतानी (एजुकेशन), मेक्सिको से डॉ. राजगोपाल ( एजुकेशन), पोलैंड से अमित कैलाश चंद्र लठ (बिजनेस/कम्युनिटी वेलफेयर), कांगो गणराज्य से परमानंद सुखुमल दासवानी ( कम्युनिटी वेलफेयर),

वाइस प्रेसीडेंट अध्यक्ष और विदेश मंत्री हैं ज्यूरी-सह-पुरस्कार समिति के उपाध्यक्ष

ज्यूरी-सह-पुरस्कार समिति के अध्यक्ष भारत के वाइस प्रेसीडेंट और उपाध्यक्ष के रूप में विदेश मंत्री और विभिन्न क्षेत्रों के अन्य विशिष्ट सदस्यों ने बतौर ज्यूरी मेंबर प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार, 2023 के लिए नामांकन पर विचार करते हुए सर्वसम्मति से पुरस्कार विजेताओं का चयन किया। पुरस्कार विजेता हमारे डायस्पोरा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में हासिल की गई उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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