एसीएस ने वीसी के जरिये ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन का प्रस्तुतिकरण देखा

स्वच्छता मैप व डीपीआर तैयार करने व चिन्हित गांवों का दौरा करने में ढ़िलाई पर पिलाई लताड़

जयपुर । अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को वीडियो कान्फे्रसिगं के जरिये ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन की सफल क्रियान्विति हेतु राज्य के 11 जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों द्वारा स्वच्छता मैप एवं डीपीआर तैयार करने हेतु उठाये गये कदमों का प्रस्तुतिकरण देखा व स्वच्छता मैप,डीपीआर तैयार करने में रही खामियों पर नाराजगी प्रकट करते हुए सख्त कार्यवाही करने की चैतावनी दी।

सिहं ने एक-एक जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व उनके सहयोगी अधिकारियों से पूछा कि उन्होंने स्वच्छता मैप तैयार करने हेतु क्या-क्या तरीके अपनाये, गांव वासियों को साथ जोड़ने व इस कार्यक्रम में उनकी भागीदारी सुनिष्चित्त करने हेतु क्या-क्या प्रचार-प्रसार गतिविधियां अपनाई, क्या उन्होंने जन प्रतिनिधियों व गांववासियों को लेकर उन स्थानों को स्वंय जाकर देखा, जहाॅं तरह-तरह का ठोस व तरल कचरा व पानी आदि ईकठा होता है, व उसका निस्तारण किस प्रकार से किया जा सकता है ।

अतिरिकत मुख्य सचिव, सिंह ने ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन हेतु चिन्हित गांवों के प्रथम चरण में डीपीआर तैयार करने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व उनकी टीम द्वारा अपनाई गई विधियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली व जिन मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने स्वच्छता मैप व डीपीआर तैयार करने व चिन्हित गांवों का व्यक्तिषः दौरा नहीं किया उन्हें इस कार्य में ढ़िलाई पर लताड़ भी पिलाई व सख्त कार्यवाही की चैतावनी देते हुए निर्देष दिये कि उन्हें स्वंय चिन्हित गांवों का दौरा करना होगा व अपने दौरे की तिथि व समय अपनी स्टाम्प फोटो साथ मुख्यालय को भेजनी होगी ।

सिंह ने निदेषक, स्वच्छ भारत मिषन(ग्रामीण) विष्व मोहन षर्मा को मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के दौरे की मोनिटरिगं करने के निर्देष दिये। वीसी के दौरान ही उन्होंनेे स्वच्छता मैप व डीपीआर तैयार करने में अव्वल व फिसड्डी रहे जिलों की गे्रडिगं करवाई व श्रेष्ठ प्रदर्षन वाले जिलों को ए गे्रड दिया व उनकी हौसला अफजाई कर उन्हें षाबासी भी दी ।

गांवों में पषुधारक परिवारों द्वारा उनके धरों के बाहर ईकठे गोबर के ढेर के निस्तारण हेतु उन्होंने निर्देष दिये कि वे ग्राम वासियों को धरों के बाहर ही डेढ़ से 2 फुट का गढ़ढा खोद कर उसमें गोबर व सब्जियों आदि के छिलके दबा कर जैविक खाद तैयार करवाने हेतु आईईसी के द्वारा जागरूक करें व जिनके पास गढ़ढे हेतु जमीन नहीं हो उनके लिये सामुहिक गढ़ढे तैयार करवाकर खाद व उससे खेती हो होने वाले फायदे व बचत के बारे में बतायें ।

सिंह ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन हेतु स्वच्छता मैप, डीपीआर व आईईसी गतिविधियों की दृष्टि से उनके समक्ष आ रही चुनौतियों, समस्याआंे के बारे में विस्तृत जानकारी ली व उनके निराकरण हेतु सुझाव भी मांगे ।

उन्होंने धौलपुर जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रत्येक ब्लाॅक की 5 परियोजनाओं के विलेज सैनिटेषन मैप एवं डीपीआर तैयार कर 8 जनवरी को उनके समक्ष प्रस्तुत होने के निर्देष दिये। अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंह ने जिला परिषद् राजसमन्द की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के प्रयासों की सराहना करते हुए आई0ई0सी0 की रणनीति पर 2 दिवस में 2 पृष्ठ का अतिरिक्त नोट बना कर उनके समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देष दिये।

सिंह ने सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देष दिये कि वे इस परियोजना का रख-रखाव राजीविका के अन्तर्गत प्रदेष में संचालित स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से करवाने के विकल्पों का परीक्षण करें । उन्होंने सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियोंको ग्राम में पंचायतों में आय के नये स्त्रोतों का पता लगाने व वर्तमान में आय के संसाधनों की क्या स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट 2 दिन में भिजवाने के निर्देष दिये ।

उन्होंने सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को अवगत करवाया कि स्वच्छ भारत मिषन(ग्रामीण) से कन्वर्जेन्स के तहत मनरेगा के कौन-कौन से कार्य करवाये जा सकते हैं के बारे में तत्काल एक गाईडलाईन जारी की जायेगी । इस अवसर पर मनरेगा आयुक्त श्री पी0सी0 किषन सहित स्वच्छ भारत मिषन ग्रामीण के अधिकारी उपस्थित थे ।