यूपी में नसबंदी के बाद महिलाओं को बेड नसीब नहीं हुए, जमीन पर लिटाया

नसबंदी के बाद पवांसा के सरकारी अस्पताल में महिलाओं को बेड नसीब नहीं हुए। इतनी सर्दी में उन्हें जमीन पर गद्दे बिछाकर लिटाया गया। इसके बाद एंबुलेंस से उनके घर भेजा गया। एक महिला को एंबुलेंस भी नहीं मिली। आशा वर्कर ने उसे निजी वाहन से घर भेजा।

पवांसा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार की सुबह दस बजे से ब्लॉक स्तरीय नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 34 महिलाएं आईं। शिविर में 28 महिलाओं की नसबंदी कराई गई। नसबंदी के बाद अतरासी निवासी मोहरश्री की तबीयत खराब हो गई। तब उसे दवाई दी गई। 

महिलाओं को दूसरी मंजिल से नीचे तक खुद चलकर आना पड़ा। व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की कोई व्यवस्था नहीं थी। मौके पर एंबुलेंस उपलब्ध न मिलने पर गांव की आशा वर्कर मीरा ने निजी वाहन से मोहरश्री को अतरासी भेजा। नसबंदी हो जाने के बाद डेढ़ घंटे तक सात महिलाओं को एंबुलेंस के लिए इंतजार करना पड़ा।

बताते हैं कि शाम 5:00 बजे नसबंदी शुरू की गई। शाम 6:15 बजे तक 28 महिलाओं की नसबंदी कर दी गई। नसबंदी के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बेड नहीं दिए गए। जमीन पर गद्दे बिछाकर लिटाया गया। अव्यवस्थाओं को लेकर स्वास्थ्य महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

इससे पहले 27 नवंबर और 17 दिसंबर को भी इसी तरह की लापरवाही सामने आई थी। पवांसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी मनोज कुमार का कहना है कि किसी भी महिला की तबीयत खराब होने की शिकायत नहीं मिली। न ही कोई अपने निजी वाहन से घर गया है। चार एंबुलेंस लगाई गई थीं। 

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