मरीज की मौत के बाद परिजनों ने मेल नर्स को पीटा, नर्सिंगकर्मियों ने 5 घंटे बंद रखा काम

जयपुर के SMS अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में नर्सिंग कर्मचारियों से हुई मारपीट के बाद अस्पताल के तमाम नर्सिंग कर्मचारियों ने सोमवार को कार्य का बहिष्कार कर दिया। मारपीट की घटना के बाद अस्पताल में व्यवस्थाएं चरमरा गईं हैं और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। करीब 5 घंटे बाद प्रशासन से मिले आश्वासन के बाद नर्सिंगकर्मी काम पर लौटे।

जानकारी के मुताबिक टोंक रोड स्थित SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में सुबह तड़के एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद मृत मरीज के परिजन और उसके साथ करीब 10-15 युवक अस्पताल पहुंच गए, जहां उनकी नर्सिंग कर्मचारियों से जबरदस्त बहस हो गई। गुस्साए युवकों ने नर्सिंगकर्मी मुनीराज के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसे लात-घूंसों से जबरदस्त पीटा, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। घटना को देख वार्ड में भर्ती मरीजों व अन्य नर्सिंगकर्मियों में दहशत फैल गई।

युवक यहीं नहीं रूके और उन्होने वार्ड में रखे सामान, दवाईयां तक जमीन पर गिरा दिए और दरवाजे-खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। घटना के बाद जैसे-तैसे कर वहां मौजूद अन्य नर्सिंग कर्मचारियों और सुरक्षा गार्डों ने बीच-बचाव किया। इस दौरान नर्सिंगकर्मी के काफी चोटें भी आई। इस घटना के बाद आक्रोशित नर्सिंग कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया।

घटना के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भी फोन कर एसएमएस अस्पताल अधीक्षक से मामले की पूरी जानकारी ली और इस पर सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि आगे से इस तरह की घटनाओं वापस न हो इसके लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाए।

इधर, कार्य बहिष्कार के बाद नर्सिंग कर्मचारियों के दल ने SMS अस्पताल के अधीक्षक के चैंबर के बाहर प्रदर्शन किया। नर्सिंग कर्मचारियों की एसोसिएशन के अध्यक्ष प्यारेलाल चौधरी ने बताया कि नर्सिंग कर्मचारी 24 घंटे अस्पताल में सेवाएं देते हैं। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से उनकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी रेजीडेंट्स डॉक्टर्स और कई नर्सिंग कर्मचारियों से मारपीट हो चुकी है, लेकिन बावजूद उसके सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हुए हैं। इसी मुद्दे को लेकर नर्सिंग कर्मचारियों की एक टीम अस्पताल अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों से वार्ता करने पहुंची, जहां उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, तब जाकर कर्मचारी वापस काम पर लौटे।