अब बढ़ सकता है हवाई यात्रा का किराया… जानें क्यों?

फ्लाइट

ईंधन की कीमतें बढ़ने से बढ़ेगा हवाई यात्रा किराया

नई दिल्ली। हवाई यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह खबर परेशान करने वाली है। अब हवाई यात्रा करने के लिए उन्हें ज्यादा किराया चुकाना पड़ सकता है। फ्लाइट का किराया बढ़ाने के पीछे इंधन की कीमतें बढ़ने को कारण बताया जा रहा है। कोविड महामारी के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध‌ के कारण कमजोर हुई अर्थव्यवस्था का असर अब हवाई यात्रा पर भी दिखने लगा है। इससे तेल की कीमतों में उछाल आया है। एक न्यूज एजेंसी रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के अनुसार इस लागत का भार उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा। इसमें संदेह नहीं है कि उड़ानों का किराया महंगा होगा।

पहले 50 फीसदी तक देखी गई है वृद्ध‌ि

गौरतलब है कि ईंधन की कीमतों में इससे पहले भी वृद्धि हुई है। इसके कारण भारत में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई किराए में पिछले कुछ महीनों में 50 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक एक वित्तीय सेवा फर्म कोवेन के विश्लेषण के अनुसार अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयर लाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस (तीन सबसे बड़े अमेरिकी घरेलू वाहक) में हवाई किराए में एक साल पहले की तुलना में 23 मई को समाप्त सप्ताह के लिए लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कोवेन ने न्यूयॉर्क स्थित हैरेल एसोसिएट्स के डेटा का उपयोग करके वाहक के लिए चार अलग-अलग किराया श्रेणियों में लगभग 300 मार्गों को ट्रैक किया, जो एयरलाइन मूल्य निर्धारण के रुझान को ट्रैक करता है। आईएटीए के अनुसार मई में भारत में 0.3 फीसदी एमओएम की कमी दर्ज की गई। इस घरेलू बाजार में वर्ष-दर-वर्ष यातायात में 405.7 फीसदी की वृद्धि हुई। तेल की कीमतें पहले से ही बढ़ रही थीं क्योंकि कोविड महामारी से उबरने वाली अर्थव्यवस्थाओं में मांग फिर से बढ़ गई। यूक्रेन में युद्ध के नतीजे ने कीमतों में और बढ़ोतरी कर दी है। उधर, अमेरिका ने रूस से तेल आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, जबकि ब्रिटेन को रूसी आपूर्ति को साल के अंत तक समाप्त करना है। वहीं यूरोपीय संघ के नेताओं ने कहा है कि वे 2022 के अंत तक अधिकांश रूसी तेल आयात को रोक देंगे। इसका मतलब है कि अन्य उत्पादकों से तेल की मांग बढ़ गई है, जिससे कीमतें अधिक हो गई हैं।

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