अखिल भारतीय महाकवि माघ महोत्सव में एक महीने तक होंगे विभिन्न आयोजन

16 फरवरी से 16 मार्च तक ‘हाईब्रिड मोड’ पर होगा आयोजन

संस्कृत फीचर फिल्म महोत्सव और दस भारतीय भाषाओं पर आधारित कवि सम्मेलन सहित अनेक आयोजन होंगे आकर्षण का केन्द्र

जयपुर। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राजस्थान संस्कृत अकादमी की ओर से इस बार महाकवि माघ महोत्सव का वृहद् स्तर पर आयोजन किया जाएगा। अकादमी के प्रशासक और संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने बताया कि माघ महोत्सव का आयोजन इस बार 16 फरवरी से 16 मार्च तक हाई ब्रिड मोड (ऑफ लाईन और ऑन लाईन) पर किया जाएगा। इसका आयोजन कला, साहित्य और संस्कृति विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। इसकी गतिविधियां जयपुर सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों से की जाएंगी।

शुरूआत होगी दो खास कार्यक्रमों से

दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इस एक महीने के वृहद् आयोजनों की शुरूआत 16 फरवरी को दो विशेष रिकार्डेड ऑनलाइन कार्यक्रमों के प्रसारण से होगी। इसके तहत सुबह 11.00 बजे ग्रेमी अवार्ड विनर पद्भूषण पं. विश्व मोहन भट्ट अपनी नवीन राग रचना ‘राग माघ’ पर आधारित संस्कृत गीत का प्रदर्शन करेंगे। इस रचना में पद्मश्री अभिराज राजेन्द्र मिश्र लिखित संस्कृत गीत को पं. विश्वमोहन जाने-माने गायक रवीन्द्र उपाध्याय और वीणा मोदानी के साथ मिलकर पेश करेंगे। इसी दिन शाम को 6.00 बजे भारत के एक मात्र संस्कृत बैंड ‘ध्रुवा’ के कलाकार संजय त्रिवेदी के निर्देशन में संस्कृत की रचनाएं प्रस्तुत करेंगे।

दस भारतीय भाषओं पर आधारित कवि सम्मेलन होगा खास

इस दौरान कोलकाता के प्रभा खेतान फाउन्डेशन के सहयोग से 27 फरवरी को जवाहर कला केन्द्र में रामायण-महाभारत आधारित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें दस भारतीय भाषओं के कवि कविता पाठ करेंगे।

होगा दो दिवसीय संस्कृत भाषा फीचर फिल्म महोत्सव का आयोजन

समारोह के दौरान 12 और 13 मार्च को जवाहर कला केन्द्र में राष्ट्रीय संस्कृत फिल्म फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा। इस दौरान हर दिन दो संस्कृत भाषा की फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। यह पहला मौका होगा जब जयपुर में संस्कृत भाषा पर आधारित फिल्म महोत्सव आयोजित किया जा रहा है।

ये गतिविधियां भी होंगी खास

समारोह के दौरान इसके अलावा संस्कृत अन्त्याक्षरी, राष्ट्रीय वेद सम्मेलन और विभिन्न विषयों पर वार्ताओं और कार्यशालाओं के आयोजन भी किए जाएंगे।समारोह के दौरान इसके अलावा संस्कृत अन्त्याक्षरी, राष्ट्रीय वेद सम्मेलन और विभिन्न विषयों पर वार्ताओं और कार्यशालाओं के आयोजन भी किए जाएंगे।