अमरनाथ यात्रा रोकी, 16 श्रद्धालुओं के शव बरामद

रातभर चलता रहा रेस्क्यू

जम्मू। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अब तक 16 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। करीब 40 लोग लापता और 50 से अधिक घायल हुए हैं। सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।

मृतकों की आत्मा की शांति के लिए जम्मू में हवन

अमरनाथ हादसे में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए जम्मू में हवन किया गया। लोगों ने घायलों के जल्द ठीक होने की कामना भी की। इसके अलावा कई संगठनों ने मृतकों को श्रद्धांजलि भी दी।

पांच शवों की हुई पहचान, तीन राजस्थान और दो दिल्ली निवासी

अमरनाथ हादसे में जान गंवाने वाले 16 लोगों में से पांच की पहचान हो चुकी है। इसमें तीन राजस्थान और दो दिल्ली के रहने वाले हैं। इस बीच चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला भी प्रभावित इलाके में पहुंचकर राहत और बचाव अभियान का जायजा ले रहे हैं। मौके पर सेना का एमआई 17 हेलिकॉप्टर से लगा है।

पचास से अधिक यात्री घायल

इनमें से ज्यादातर अमरनाथ यात्री हैं। घायलों को एयरलिफ्ट किया गया है। लापता लोगों की संख्या काफी है, जिसके चलते अंधेरा होने के बावजूद रात को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। वहीं, यात्रा मार्ग भी कई जगहों पर बह गया है। ऐसे में फंसे हुए यात्रियों को अलग-अलग रेस्क्यू दल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर रहे हैं।

तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं

आपदा प्रबंधन दलों ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। बाढ़ से बचने के लिए यात्री टेंट छोड़ पहाड़ की ढलान पर चढ़ गए। पुलिस के अनुसार तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू दल ने अभी तक 16 शव निकाले हैं।

तेज बहाव में आया पानी दर्जनों टेंटों को साथ बहा ले गया

पवित्र गुफा के ठीक सामने यात्रियों के लिए टेंट सिटी (यात्री शिविर) बनाई गई है। यहां एक टेंट में चार से छह लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। तेज बहाव में आया पानी दर्जनों टेंटों को साथ बहा ले गया। हादसे के समय बारिश हो रही थी और ज्यादातर यात्री टेंट के भीतर थे। बाढ़ के साथ तीन लंगर और 40 के करीब टेंट बह गए। यात्रियों में भगदड़ के साथ चीख-पुकार मच गई।

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