हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अमेजन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

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नई दिल्ली। अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के साथ 2019 में हुई डील मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, स्पेशल लीव पिटीशन शनिवार को दायर की गई थी और इस पर इस हफ्ते सुनवाई होने की संभावना है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजनल बेंच ने बीते दिनों फ्यूचर गु्रप को राहत देते हुए अमेजन के साथ सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में चल रही प्रोसीडिंग्स (मध्यस्थता कार्यवाही) पर रोक लगा दी थी। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने सिंगल-जज के उस आदेश पर भी रोक लगा दी थी जिसमें उन्होंने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए फ्यूचर ग्रुप की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया था। फ्यूचर ग्रुप ने अपनी याचिका में अमेजन के साथ सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में चल रही प्रोसीडिंग्स को अवैध घोषित करने की मांग की थी। फ्यूचर गु्रप की कंपनी फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड दोंनों ने ये याचिका 3 जनवरी को दायर की थी। जस्टिस अमित बंसल ने याचिकाओं को खारिज किया था।

फ्यूचर ग्रुप का कहना था कि देश की एंटीट्रस्ट एजेंसी कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया उसकी और अमेजन की 2019 में हुई डील को सस्पेंड कर कर चुकी है। ऐसे में ये डील लीगल नहीं है। अमेजन और फ्यूचर रिटेल के बीच लंबे समय से डील को लेकर सिंगापुर आर्बिट्रेशन पैनल में सुनवाई हो रही है, लेकिन दोनों पक्ष आर्बिट्रेटर के लिए कुछ फैसलों को लागू करने या रद्द करने के लिए भारतीय अदालतों में केस लड़ रहे हैं। कार्यवाही नहीं रुकी तो फ्यूचर ग्रुप को नुकसान : डिवीजन बेंच ने कहा था कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के साथ-साथ कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया के पारित आदेश को देखते हुए, प्रथम दृष्टया मामला फ्यूचर ग्रुप के पक्ष में है। यदि कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई जाती है तो फ्यूचर ग्रुप को बड़ा नुकसान होगा।

कोर्ट का अमेजन को नोटिस : कोर्ट ने अमेजन को भी नोटिस जारी किया था और कहा था कि मध्यस्थता की कार्यवाही के साथ-साथ सिंगल-जज के आदेश पर रोक सुनवाई की अगली तारीख तक लागू रहेगी। अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी। साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था। लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा की। इसी के बाद से ये विवाद शुरू हुआ।

अमेजन ने SIAC का रुख किया था
फ्यूचर-रिलायंस डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) का रुख किया था। अमेजन ने कहा था, रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील उसकी और फ्यूचर कूपन के बीच हुई डील के खिलाफ है। इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (हृष्टरुञ्ज) में ये मामला चल रहा है।

CCI ने अमेजन-फ्यूचर कूपन डील को सस्पेंड किया
हाल ही में कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने अमेजन की फ्यूचर कूपन के साथ हुई इस डील को सस्पेंड कर दिया था। कॉम्पिटिशन कमीशन ने डील के दौरान जानकारी छिपाने पर अमेजन पर 202 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था। ष्टष्टढ्ढ ने आदेश में कहा था, ‘अमेजन ने डील के अपने असली मकसद को छिपाया और एग्रीमेंट के लिए झूठे और गलत बयान दिए, इसलिए डील को नए सिरे से देखना होगा।’