मुस्लिम धर्म गुरुओं की अपील, रमजान में घर पर ही अदा करें नमाज़

रमजान, ramadan
रमजान, ramadan

जयपुर । मुसलमानों से आने वाले रमज़ान के महीने में धार्मिक क्रिया कलाप से सम्बन्धित अपील की गई है। कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम धर्म गुरुओं, विद्वानों तथा धार्मिक व सामाजिक संगठनों की ओर से आज एक संयुक्त बयान जारी कर मुस्लिम समुदाय से पवित्र रमजान माह में घर में रहकर नमाज अदा करने और इबादत करने की पुरजोर अपील की गई है और साथ धर्मगुरुओं ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए जारी लॉकडाउन की सख्ती से पालना करने के निर्देश भी जारी किए हैं।

मुसलमानों से रमज़ान के महीने में धार्मिक क्रिया कलाप से सम्बन्धित अपील की गई है

अपील करने वालों में जयपुर शहर मुफ़्ती ज़ाकिर नौमानी, मुफ़्ती ख़ालिद अय्यूब मिस्बाही मुफ़्ती अहले सुन्नत वल जमाअत, मुहम्मद नाज़िमुद्दीन प्रदेशाध्यक्ष जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द, क़ाज़ी अनवार अहमद शहर क़ाज़ी कोटा, शब्बीर ख़ान सह संयोजक राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम, मौलाना अब्दुल वाहिद खत्री प्रदेश जनरल सेक्रेट्री जमियत उलमा-ए-हिन्द, मौलाना नाज़िश अकबर काज़मी इमामे जुमा व खतीब शिया जामा मस्जिद जयपुर, इस्माईल सरवाड़ी प्रदेशाध्यक्ष जमीअत अहले हदीस, मुहम्मद साजिद सहराई प्रदेशाध्यक्ष वहदते इस्लामी हिन्द, हाजी अनवर शाह डायरेक्टर अल जामियतुल आलिया जयपुर, मुफ़्ती मुहम्मद आदिल संयोजक दारुल इफ़्ता वल क़ज़ा टोंक, मौलाना मुहम्मद मारूफ़ प्रदेशाध्यक्ष जमीअत उलमा-ए-हिन्द, अब्दुल क़य्यू़म अख़्तर प्रदेश महासचिव ऑल इण्डिया मिल्ली कॉउन्सिल, मौलाना राशिद मील खेड़ला प्रदेश महासचिव जमिअत उलमा-ए-हिन्द, राजस्थान, सय्यद अब्दुर्र रहीम नक़वी नायब नाज़िम प्रदेश जमीअत अहले हदीस, मुहम्मद आसिफ, प्रदेशाध्यक्ष पॉपूलर फ्रन्ट ऑफ इण्डिया, अब्दुल लतीफ आरको अध्यक्ष मन्सूरी तेली पंचायत, मुहम्मद शौकत क़ुरैशी प्रदेश महासचिव ऑल इण्डिया जमिअतुल कुरैश, नईम क़ुरैशी अध्यक्ष जामा मस्जिद जयपुर, क़ाज़ी निसारुल्लाह क़ाज़ी-ए-शहर सवाई माधोपुर शामिल हैं।

मुस्लिम समुदाय से पवित्र रमजान माह में घर में रहकर नमाज अदा करने और इबादत करने की पुरजोर अपील की गई है

बयान में मुस्लिम समुदाय से अपील की गई है कि वे लॉक डाउन के दौरान रमज़ान के महीने में प्रशासन द्वारा दिये गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। अपील में कहा गया कि जिस प्रकार अब तक लॉक डाउन के दौरान मस्जिदों में अज़ान दी जाती रही और केवल इमाव व सेवक ही नमाज़ अदा करते रहे और बाक़ी लोग घरों में ही नमाज़ अदा करते रहे, रमज़ान में भी उसी तरीक़े से करते रहें। रमज़ान में होने वाली विशेष नमाज़ तरावीह भी घरों पर ही अलग-अलग या केवल घर के लोग मिलकर पढ़ें।

यह भी पढ़ें-उर्दू के प्रख्यात विद्वान डॉ. अबुल फैज उसमानी का निधन, प्रदेश के पहले पीएचडी स्कॉलर थे

धर्म गुरुओं ने लोगों से अपील की है कि वे तरावीह व अन्य नमाज़ों के लिए पास पड़ोस के लोगों को बिल्कुल भी इकट्ठा न करें। उन्होंने यह भी अपील की कि सहरी व इफ़्तार घरों में ही करें और इफ़्तार पार्टी और दावतों से पूरी तरह बचें। उन्होंने लोगों से कहा है कि रमज़ान की रातों में इधर उधर न घूमें, दिन में भी अनावश्यक बाज़ार में न निकलें।

रमज़ान ईश्वर के लिए त्याग और विशेष इबादत का महीना है अतः ईश्वर से क्षमा याचना, उसका स्मरण, और प्रार्थना में विशेष रूप से समय बिताएं, अपने घर के लोगों को अच्छी बातें बताएं और धर्मिक पुस्तकों, विशेष रूप से पवित्र क़ुरआन का व्याख्या सहित अध्ययन करें।

इन्टरनेट पर मौजूद धार्मिक व्याख्यान सुनें तथा बुज़ुर्गों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों, और वंचितों की बिना किसी धार्मिक भेद-भाव के देख-भाल व सहायता करें तथा अधिक से अधिक दान करें क्योंकि दान से कष्ट दूर होते हैं। धर्मगुरुओं ने ईश्वर से इस महामारी से शीघ्र छुटकारा प्रदान करने की प्रार्थना भी की।