असद हुआ सुपुर्द-ए-खाक, शूटर गुलाम हसन भी दफनाया गया

असद
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अतीक के मोहल्ले में सन्नाटा

अतीक के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम के शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है। असद का शव प्रयागराज के कसारी और मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। वहीं, मेहंदौरी स्थित कब्रिस्तान में शूटर गुलाम हसन को दफनाया गया।

अतीक के मोहल्ले में सन्नाटा पसरा

अतीक के मोहल्ले चकिया कसारी मसारी ने इस समय सन्नाटा पसरा हुआ है। हमेशा भीड़ भाड़ रहने वाले मोहल्ले में इस समय सारी दुकानें बंद हैं। बड़ी संख्या में पुलिस पैरामिलिट्री फोर्स, महिला पुलिस और महिला पैरामिलिट्री फोर्स ही दिखाई दे रही है।

गुलाम के अंतिम संस्कार में पिता और पत्नी हुई शामिल

गुलाम के अंतिम संस्कार में उसके पिता ने हिस्सा लिया। उसकी पत्नी सना भी कब्रिस्तान में मौजूद रहीं, जबकि भाई राहिल हसन और अन्य परिजनों ने जनाजे में हिस्सा नहीं लिया।

करीबी रिश्तेदार हुए जनाजे में शामिल

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बेटे अतीक के जनाजे में माफिया अतीक शामिल नहीं हो पाया। उसके परिवार से कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ है। असद के नाना, मौसा और बुआ शामिल हुई हैं। कई करीबी रिश्तेदार जनाजे में शामिल हुए हैं।

परिवार के 20-25 करीबी यहां मौजूद रहे-एसीपी

प्रयागराज के एसीपी आकाश कुल्हारी ने कहा कि असद के परिवार के 20-25 करीबी यहां मौजूद रहे। असद के नाना ने असद के दाह संस्कार की प्रक्रिया को अंजाम दिया। असद के शव को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। असद और उसके सहयोगी गुलाम को 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था।

प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक

माफिया अतीक अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में किया गया। असद और उसके सहयोगी गुलाम को 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था।

ड्रोन से भी निगरानी

कब्रिस्तान के बाहर भी कड़ी सुरक्षा की गई है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। गुलाम के शव को भी सुपुर्द-ए-खाक किए जाने की तैयारी की जा रही है।

कब्रिस्तान के अंदर भी बेहद करीबी लोग

सुरक्षा कारणों से असद के शव को पैतृक आवास पर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई। कब्रिस्तान के अंदर भी केवल पांच से छह बेहद करीबी लोगों को ही जनाजे में शामिल होने की अनुमति दी गई है।

कब्रिस्तान में किसी को जाने की अनुमति नहीं

कब्रिस्तान में किसी को जाने की अनुमति नहीं है। पूरे कब्रिस्तान क्षेत्र को छावनी में तब्दील किया गया। जांच के बाद ही कब्रिस्तान में प्रवेश दिया जा रहा है।

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