सावधान! 2000 का नोट जमा कराने से पहले जांच लें, नकली हुआ तो बढ़ेगी मुसीबत

2000 का नोट
2000 का नोट

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर लेने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों को 2000 रुपये के नोट को जारी नहीं करने का आदेश दिया है। लोगों को बैंक में 2000 रुपये के नोट जमा कराने के लिए 4 महीने का वक्त दिया गया है। &0 सितंबर 202& तक इन नोटों को वापस ले लिया जाएगा।

अगर आपके भी पास 2000 रुपये का नोट है तो आपको 2& मई 202& से आप इसे जमा कराना शुरू कर सकते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर 2000 रुपये का नोट जमा कराते वक्त ये फेक या नकली निकल जाता है तो क्या होगा। क्या आपपर कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी? भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को कहा गया है कि सभी नोटों की जांच की जाए। सटीकता और वास्तविकता के लिए नोट सॉर्टिंग मशीनों (एनएसएम) के माध्यम से तुरंत सॉर्ट किया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि नकली नोटों की जांच & अप्रैल 202& को जारी मास्टर इंस्ट्रक्शन को फॉलो किया जाएगा।

क्यों बंद हुआ नोट का सर्कुलेशन?

2000 का नोट
2000 का नोट

बाजार में 2000 रुपये के नोट को बंद करने की सबसे बड़ी वजह ये है कि रोजमर्रा में इस नोट का इस्तेमाल बाकी नोटों की तुलना में कम होता है। इसी कारण से इसे सर्कुलेशन से बाहर किया गया है। इसके अलावा आरबीआई ने बताया कि 2000 रुपये के नोट की छपाई 2018-19 वित्त वर्ष में ही बंद कर दी गई थी।

फेक नोट पर क्या है आरबीआई की गाइडलाइंस ?

  • आरबीआई ने फर्जी नोटों के लिए बैंकों को दिशा-निर्देश जारी किया है।
  • अगर बैंकों को 2000 रुपये का फेक नोट मिलता है, तब उन्हें तुरंत एक्शन लेना होगा।
  • आरबीआई के मुताबिक सभी बैंकों को 2000 रुपये के नोटों की जांच करनी होगी। ये जांच नोट सॉर्टिंग मशीनों (हृस्रूह्य) के जरिये की जाएगी।

ग्राहकों को नहीं मिलेगी वैल्यू

गाइडलाइन के मुताबिक, अगर बैंक को कोई फेक नोट मिलता है तब ग्राहक को उस नोट की वैल्यू नहीं मिलेगी। इसका मतलब है कि ग्राहक को नोट का के्रडिट अमाउंट नहीं दिया जाएगा। इसी के साथ फर्जी नोटों पर नकली नोट की मुहर लगाई जाएगी। बैंक इन नोट को जब्त कर एक अलग रजिस्टर में दर्ज कर देगा। फर्जी नोट के मिल जाने पर बैंक एक रसीद जारी करेगा।

नोडल अधिकारी को करना होगा सूचित

किसी बैंक को 4 से ’यादा नकली नोट मिलते हैं, तब उन्हें इसकी जानकारी नोडल बैंक अधिकारी को देनी होगी। नोडल बैंक अधिकारी को वो फेक नोट की रिपोर्ट पुलिस को देनी होगी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की जाएगी।

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