किशोर स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता, ब्रांड एंबेस्डर और मैसेंजर बनाकर संचालित होंगे जागरूकता कार्यक्रम

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि किशोर स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। चिकित्सा विभाग जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए शिक्षकों को ब्रांड एंबेसडर व छात्रों को मैसेंजर के तौर पर शामिल करेगा। इन कार्यक्रमों में युवावस्था में आने वाली समस्याओं पर खुलकर चर्चा कर उनका निदान किया जाएगा। डाॅ शर्मा बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और यूएनपीएफ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राज्य स्तरीय शाला स्वास्थ्य व कल्याण कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के चयनित सात जिलों (बारां, बूंदी, धौलपुर, जैसलमेर, सिरोही, करौली और उदयपुर) के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा, जांच एवं आवश्यक जानकारियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि युवा स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहें और राज्य सरकार की तमाम स्वास्थ्य योजनाओं से लाभान्वित हो सकें इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रारंभिक शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग साथ मिलकर उचित माध्यम उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गत वर्ष राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ किए ‘निरोगी राजस्थान‘ अभियान में भी किशोर स्वास्थ्य को प्रमुख बिंदुओं में शामिल किया गया था। प्रदेश के 42 हजार राजस्व ग्राम से 80 हजार स्वास्थ्य मित्र बनाए जा चुके है। शहरों में भी स्वास्थ्य मित्र के चयन की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मित्रों के जरिए गांव व शहरों में आमजन को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने का कार्य जाएगा, जिससे कि वे स्वस्थ्य व निरोगी रहें। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि कार्यक्रम के तहत चयनित प्रत्येक स्कूल के 2 शिक्षकों को हैल्थ एंड वैलनेस एम्बेसडर के रूप में चयनित और 2 विद्यार्थियों को संदेशक (मैसेन्जर) के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ये शिक्षक प्रति सप्ताह निर्धारित विभिन्न 11 थीम्स (विषय) पर विद्यार्थियों के बीच विस्तृत चर्चा करेंगे और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरुक करेंगे।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री नरेश ठकराल ने बताया कि कार्यक्रम के जरिए फरवरी से मई 2021 तक कुल 4 हजार 821 राजकीय विद्यालयों के 9 हजार 642 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जायेगा, जो नियमित रूप से सत्रों का संचालन करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक विशेष पैकेज तैयार किया गया है, जिसमें हैल्थ प्रमोशनल गतिविधियां, हैल्थ स्क्रिीनिंग एवं आईएफए गोलियों, सैनेटरी नैपकीन से संबंधित विभिन्न सेवाओं को शामिल किया गया है। आरसीएच निदेशक डाॅ. लक्ष्मण सिंह ओला ने बताया कि कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत् कार्यरत स्वास्थ्य दलों, डीईआईसी केन्द्रों, उजाला क्लिनिक एवं आर. के. एस. के. काउंसलर तथा पीआर एजूकेटर्स को सहयोग के लिए इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला एवं ब्लाॅक लेवल पर माॅनिटरिंग एंड इवेलूशन कमेटी बनाई जाएंगी जो स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम गतिविधियों का प्रबंधन करेंगी।

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राज्य स्तरीय शाला स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री भंवरलाल, परिवार एवं कल्याण मंत्रालय में आरकेएसके के नोडल आफिसर डाॅ. एमएल सालोदिया, यूएनएफपी के राज्य समन्व्यक सुनील थाॅमस सहित सबंधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी व उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। इस दौरान कई पुस्तकों और पोस्टर्स का भी विमोचन किया गया।