आयुर्वेदिक काढ़ा घर-घर जाकर पिलाया

ayurvedic kaada brew door to door
ayurvedic kaada brew door to door

आयुर्वेदिक काढ़ा कोविड-19 महामारी में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगार हो रहा है। घर-घर जाकर लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है।

सुनेल। वैश्कि महामारी कोरोना वायरस के बचाव एवं रोकथाम हेतु विकास अधिकार ने की एक नई पहल शुरूआत की। नगर के पॉजिटिव मरीजों के घर जाकर सदस्यों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया। पंचायत समिति सुनेल के विकास अधिकारी ने गुरुवार को डॉ. बृजेश पाराशर स्वयं के निवास पर आयुर्वेदिक काढ़ा बनाकर कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिवार सलीम चौधरी, रहुफ अंसारी उसकी पत्नी व बच्चों को घर पर जाकर स्वंय के हाथ से काढ़ा का वितरण कर वहीं खड़े रहकर काढ़ा पिलाया गया तथा स्वनिर्मित आयुर्वेद काढ़ा से होने वाले लाभ के बारे में भी बताया गया।

आयुर्वेदिक काढ़ा बनाकर कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिवार सलीम चौधरी, रहुफ अंसारी उसकी पत्नी व बच्चों को घर पर जाकर स्वंय के हाथ से काढ़ा का वितरण कर वहीं खड़े रहकर काढ़ा पिलाया गया तथा स्वनिर्मित आयुर्वेद काढ़ा से होने वाले लाभ के बारे में भी बताया गया।

इस अवसर पर उनके साथ थानाधिकारी धर्माराम चौधरी, कनिष्ठ लिपिक सोहन गांधी, राकेश कुमावत भी साथ थे। विकास अधिकार ने आयुर्वेदिक काढे के बारे में बताया कि मु य घटक के रूप में नीम गिलोय 4 से 5 इंच मोटाई वाली, हार श्रंगार के 5 पो, नीम के 5 पत्ते, सहजन के 10 पो, वील पत्र के 5 पत्ते, कालीमिर्च के 5 दाने, लोंग के 2 दाने, मोठ 3 ग्राम, हल्दी 1 चुटकी, तुलसी के 5 पत्ते, एक गिलास पानी में तब तक उबालना है जब तक एक आधा कप शेष रह जाए तब छानकर प्रात:सायंकाल 3 दिन तक पीना है।

यह भी पढ़ें-20 लाख नागरिकों को काढ़ा अश्वगंधा एवं गिलोय चूर्ण वितरित

गौरतलब है कि डॉ. पाराशर का मूल विभाग आयुर्वेद ही है। विकास अधिकारी ने इस काड़े के बारे में बताया कि इस काड़े से रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है तथा साथ ही कफ एवं वात जनित रोगों में भी में भी बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। विकास अधिकारी ने लगातार 15 मार्च से स्वनिर्मित काड़े का स्वंय ने सेवन किया है। गौरतलब है कि विकास अधिकारी की ड्यूटी 7 अप्रेल को पिड़ावा रेड जोन वार्ड न बर 13,14,15 में मजिस्ट्रेड के रूप में लगी थी।