हीरो मोटो को पछाड़ कर बजाज भारत की सबसे बड़ी टू-व्हीलर उत्पादक कंपनी बनी

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हीरो मोटो कॉर्प को पिछाड़ कर बजाज ऑटो मई महीने में भारत की सबसे बड़ी टू-व्हीलर उत्पादक कंपनी बन गई है।

  • पल्सर और चेतक बनाने वाली इस कंपनी ने भारत से ज्यादा विदेशी में बिक्री की है।

Covid-19 ने भारत के टू-व्हीलर सेगमेंट में अब तक का सबसे बड़ा उलट फेर किया है। बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प को पिछाड़ कर मई महीने में भारत की सबसे बड़ी टू-व्हीलर उत्पादक कंपनी बन गई है।

पुणे स्थित बजाज ऑटो ने मई महीने में घरेलू और एक्सपोर्ट बाजार में 112,798 यूनिट बेची है जबकि इसी अवधि में हीरो मोटोकॉर्प ने एक्सपोर्ट सहित 112,682 यूनिट बेची है।

बजाज ऑटो कंपनी ने पल्सर और चेतक बनाने वाली इस कंपनी ने भारत से ज्यादा विदेशी में बिक्री की है।

अप्रैल में भी बजाज ने हीरो मोटोकॉर्प से बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन अप्रैल में सिर्फ एक्सपोर्ट मार्केट खुला हुआ था, घरेलू बाजार पूरी बंद था।

बजाज ने अप्रैल में भी हीरो मोटोकॉर्प से बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन अप्रैल में सिर्फ एक्सपोर्ट मार्केट खुला हुआ था, घरेलू बाजार पूरी बंद था।

मई में लगातार 6वें महीने बजाज की टू-व्हीलर बिक्री में घरेलू बिक्री की तुलना में विदेशी बिक्री का ज्यादा योगदान रहा है यानी बजाज ने देश की तुलना में विदेशों में ज्यादा वाहन बेचें है।

बजाज ऑटो की बिक्री वर्तमान में मुख्यत:  मोटर साइकिलों पर ही आधारित है जबकि हीरो मोटोकॉर्प मोटर साइकल और स्कूटर दोनों बनाती है। बजाज ऑटो ने हालही में अपना बजाज ई-चेतक स्कूटर लॉन्च किया है।

SBI चेयरमैन बोले- बैंक कर्ज देने को तैयार, ग्राहक जोखिम नहीं लेना चाहते

नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में लोगों तक नकदी पहुंचाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से लोन बांटने पर जोर दिया जा रहा है। यही वजह है कि रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है। सिर्फ लॉकडाउन में रिजर्व बैंक ने दो बार रेपो रेट में कटौती की है। वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी पर है, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। वहीं, बैंकों ने भी लोन लेने की प्रक्रिया को पहले के मुकाबले आसान बना दिया है।

इन कोशिशों के बावजूद लोग कर्ज लेने को तैयार नहीं हैं। इस बात को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने भी स्वीकार किया है। एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि बैंक कर्ज देने को तैयार हैं, लेकिन ग्राहक कर्ज लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इसके साथ ही रजनीश कुमार ने बैंक की जमा रिजर्व बैंक के पास रखने की आलोचनाओं पर भी प्रतिक्रिया दी है।

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उन्होंने कहा, हमारे पास फंड है, लेकिन कर्ज की मांग नहीं है। ऐसे में बैंकों का पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

जहां तक ग्राहकों की बात है तो वे अभी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। आपको बता दें कि ये आलोचना होती रही है कि रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट पर दी गई राहत को बैंक ग्राहकों तक सही तरीके से नहीं पहुंचा रहे हैं। बैंक अपने फंड को रिजर्व बैंक के पास जमा कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा लेना चाहते हैं। इस मुनाफे को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।