
देशभर में इन दिनों तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में सुबह-शाम की ठंड ने दस्तक दे दी है। मौसम में इस तरह का बदलाव सेहत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को इन दिनों विशेष सावधानी बरतते रहना चाहिए, दिन में गर्म और सुबह-शाम हल्की सर्दी का ये मौसम बुखार, जुकाम और खांसी-गले में खराश जैसी दिक्कतों का कारण बन सकती है।
हवा में बढ़ती शुष्की और ठंडक के कारण गले में खराश-दर्द की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा इन दिनों में इंफ्लूएंजा जैसे वायरस के कारण संक्रामक रोगों का भी खतरा होता है जिसमें भी गले की खराबी-खांसी की दिक्कत होना काफी सामान्य लक्षण है। हालांकि हर बार आपके गले की इन समस्याओं के लिए दवा लेने की जरूरत नहीं होती है। आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी जल्द आराम पा सकते हैं।
गले के लिए फायदेमंद है शहद

शहद में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो गले के दर्द और खराश की समस्या से राहत दिलाने में मददगार हो सकते हैं। आयुर्वेद में वर्षों से कई रोगों के घरेलू उपचार के तौर पर शहद को प्रयोग में लाया जाता रहा है। आयुर्वेद के साथ मेडिकल साइंस ने भी माना है कि गले में दर्द और खराश को कम करने में शहद फायदेमंद है। अध्ययनों की समीक्षा में पाया गया कि ऊपरी श्वसन पथ के तीव्र संक्रमण को कम करने में इससे लाभ मिल सकता है। शहद की एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लामेटरी गुण इन समस्याओं से राहत दिलाने में लाभकारी है।
नमक-पानी के गरारे करें

गुनगुने पानी में एक चुटकी नमक डालकर गरारे करने से गले की खराश को शांत करने और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। गरारे से गले के बैक्टीरियल संक्रमण में राहत पाया जा सकता है। नमक का पानी गले की सतह पर बैक्टीरिया को खत्म करने में लाभकारी हो सकती है। अमेरिकन ऑस्टियोपैथिक एसोसिएशन के अनुसार, गले में खराश वाले लोगों को दिन में दो से तीन बार गरारे करने से इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
अदरक वाली चाय
सामान्य सर्दी-जुकाम की समस्या, फ्लू संक्रमण के कारण होने वाले लक्षणों जैसे सिरदर्द, गले में खराश-दर्द को कम करने में अदरक वाली चाय पीने से राहत पाया जा सकता है। प्रयोगशाला अध्ययनों में पाया गया है कि अदरक का अर्क श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनने वाले कुछ बैक्टीरिया और वायरस को मार सकता है। इतना ही नहीं टीबी से पीडि़त लोगों में भी सूजन को कम करने में अदरक को लाभकारी पाया गया है।
दालचीनी वाली चाय से भी मिलता है लाभ
दालचीनी अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए काफी पसंदीदा औषधियों में से एक है। इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो संक्रामक रोगों, विशेषकर गले के संक्रमण के समस्या को कम करने में आपके लिए लाभप्रद हो सकती है। दालचीनी को वर्षों से सर्दी, फ्लू और गले में खराश के लिए पारंपरिक चिकित्सा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। इससे बनी चाय पीने से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ पाए जा सकते हैं।
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