बंगाल चुनाव : भाजपा में पार्टी के भीतर ही बगावत, सांसदों-केन्द्रीय मंत्रियों को टिकट देने पर नाराज हुए कार्यकर्ता

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में दो सौ सीटें जीतने का दावा करने वाली भाजपा में पार्टी के भीतर ही बगावत शुरू हो गई है। कैंडीडेट्स की दूसरी सूची जारी होने के बाद कोलकाता समेत पूरे प्रदेश में पार्टी के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बड़े नेताओं को घेर रहे हैं। कई जगह पत्थरबाजी और चप्पल फेंकने जैसी घटनाएं भी हुईं।

विरोध को काबू में करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार रात अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और अन्य नेताओं के साथ बैठक की थी, लेकिन मंगलवार को भी भाजपा के हेस्टिंग स्थित कार्यालय के सामने कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने दिलीप घोष, मुकुल रॉय सहित अन्य नेताओं को मंगलवार रात दिल्ली बुला लिया।

भाजपा ने रविवार को बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे और चौथे चरण के लिए कैंडीडेट्स के नाम घोषित किए थे। तीसरे चरण के लिए 27 और चौथे चरण के लिए 38 कैंडीडेट्स अनाउंस किए थे।

इसमें केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो सहित तीन मौजूदा सांसदों लॉकेट चटर्जी, स्वपन दासगुप्ता और निशिथ प्रमाणिक को मैदान में उतारा गया है। सांसदों और मंत्रियों को टिकट देने के बाद से ही राजनीतिक हलकों में ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि जो पार्टी 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है, उसे अपने मौजूदा सांसदों और केंद्रीय मंत्री को चुनाव में उतारना पड़ रहा है।

इन सबके बीच स्वपन दासगुप्ता को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने उनकी उम्मीदवारी पर तकनीकी सवाल खड़े किए थे। सांसदों और मंत्रियों को टिकट मिलने के चलते जिन नेताओं को साइडलाइन किया गया है, वे भी कार्यकर्ताओं के साथ खुलकर विरोध पर उतर आए हैं।