जी-20 फाइनेंस ट्रैक की पहली बैठक की मेजबानी के लिए बेंगलुरु तैयार

जी-20 फाइनेंस ट्रैक
जी-20 फाइनेंस ट्रैक

इस एजेंडे पर होगी चर्चा

बेंगलुरु। भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसके तहत जी-20 वित्त और केंद्रीय बैंकों के उप-प्रमुखों की पहली बैठक मंगलवार से बेंगलुरु में शुरू होगी। वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जाने वाली इस बैठक में भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत वित्त ट्रैक एजेंडे पर चर्चा की जाएगी।

जी-20 फाइनेंस ट्रैक
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वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने बताया कि बेंगलुरु भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत जी-20 फाइनेंस ट्रैक की पहली बैठक की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। पहली जी-20 फाइनेंस और सेंट्रल बैंक के उप-प्रमुखों की बैठक 13-15 दिसंबर तक बेंगलुरु में होने वाली है।

सेठ ने कहा कि यह सुखद क्षण है कि बेंगलुरु भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत जी-20 फाइनेंस ट्रैक की पहली बैठक की मेजबानी करेगा। हम भारत के एक प्रमुख मेट्रोपॉलिटन शहर से फाइनेंस ट्रैक बैठक शुरू कर रहे हैं, जो हाई-टेक उद्योग के लिए अग्रणी है। उन्होंने कहा कि जी-20 वैश्विक आर्थिक चर्चा और अंतरराष्ट्रीय नीति सहयोग के लिए बहुत प्रभावी मंच है। जी20 सदस्यों के अलावा, कई अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि हमें प्रमुख वैश्विक आर्थिक समूह जी-20 की अध्यक्षता करने का मौका ऐसे समय में मिला है, जब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। सेठ ने कहा कि पीएम मोदी ने बाली में हुई जी-20 की बैठक में जोर दिया था कि विकास का लाभ सार्वभौमिक और सर्व-समावेशी होना चाहिए, वित्त मंत्रालय ने इस विचार को जी-20 फाइनेंस ट्रैक एजेंडे में शामिल किया है।

सीतारमण और दास करेंगे बैठक की नेतृत्व

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास जी-20 फाइनेंस ट्रैक बैठक का नेतृत्व करेंगे। सेठ ने कहा कि हम वित्त प्रतिनिधियों के स्तर पर चर्चा शुरू करने जा रहे हैं। इसके बाद हमने फरवरी में बेंगलुरु में जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक की योजना बनाई है।

वित्त से जुड़े मुद्दों पर होगी चर्चा

अजय सेठ ने कहा कि बैठक में मौजूदा और भविष्य के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें वैश्विक मैक्रोइकोनॉमिक मुद्दे, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे को मजबूत करना और वित्तीय समावेशन, बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण, स्वास्थ्य वित्तपोषण, स्थायी वित्त और अंतरराष्ट्रीय कराधान जैसे वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे शामिल हैं।

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