पंजाब में इमरान खान को जोरदार झटका, हमजा फिर बने मुख्यमंत्री

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इमरान खान बोले, सुप्रीम कोर्ट की ओर देख रही जनता

लाहौर। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) के मुख्यमंत्री पद प्रत्याशी परवेज इलाही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के पुत्र हमजा शहबाज से बुरी तरह चुनाव हार गए। इसे इमरान खान के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। इसे लेकर कराची में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। विपक्षी पार्टी के समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन करने लगे हैं। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि पंजाब विधानसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे डिप्टी स्पीकर दोस्त मोहम्मद मजारी ने इलाही की अपनी ही पार्टी के 10 वोट नहीं गिने जाने की व्यवस्था दे डाली। इस कारण इलाही खुद को भी वोट नहीं दे पाए। इससे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जोरदार झटका लगा है। डिप्टी स्पीकर मजारी की ओर से घोषित परिणाम के मुताबिक हमजा ने 179 और इलाही ने 176 वोट हासिल किए। इससे पूर्व डिप्टी स्पीकर ने पीएमएल-क्यू अध्यक्ष हुसैन का पत्र पढ़कर सुनाया। इसमें उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मैं अपने सभी विधायकों को हमजा के पक्ष में वोट करने का निर्देश देता हूं। मजारी ने बाद में कहा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक पीएमएल-क्यू के वोटों की गिनती नहीं होगी। अहम बात यह कि परवेज इलाही पार्टी के विधायक दल के नेता हैं। 

डिप्टी स्पीकर ने इलाही के पक्ष में रखे कई तर्क

संविधान की प्रति लेकर आए पीटीआई सदस्य राजा बशारत ने इलाही के पक्ष में कई तर्क रखे, लेकिन डिप्टी स्पीकर ने मानने से मना कर दिया। डिप्टी स्पीकर ने कहा कि हाल ही हुए फैसले में सर्वोच्च न्यायालय इस पर स्पष्ट व्यवस्था दे चुका है।

मजारी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन तेज

हमजा शहबाज को सीएम बनाने वाले डिप्टी स्पीकर दोस्त मोहम्मद मजारी के खिलाफ अब विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। गौरतलब है कि पीटीआई के प्रमुख नेता इमरान खान ने बीती रात लोगों से प्रदर्शन करने की अपील की थी। इमरान ने कहा था कि वे पंजाब विधानसभा में हमजा की जीत पर हैरान हैं। अब जनता सुप्रीम कोर्ट की ओर देख रही है। संसद में नैतिकता की ताकत होती है, सेना की नहीं, लोकतंत्र नैतिकता पर टिका होता है। प्रदर्शन में शामिल एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि मैं 72 साल की हूं, लेकिन मैं हर बैठक में जाती हूं, जो भी ईमानदार होगा वह इमरान खान के साथ होगा। पंजाब में जो हुआ, उससे बहुत निराश हूं। लोगों का जनादेश चुरा लिया गया। देखना ये लोग मुंह की खाएंगे।

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