राजस्थान में निजी शिक्षण संस्थानों पर कसेगी नकेल, आगामी विधानसभा सत्र में आ सकता है बिल

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51 निजी यूनिवर्सिटी को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया पब्लिक नोटिस

कोचिंग संस्थान, प्राइवेट कॉलेज और स्कूल आयेंगे बिल के दायरे में


सत्येंद्र शुक्ला

जयपुर । राजस्थान की गहलोत सरकार अपने जनघोषणा पत्र के अऩुसार आगामी विधानसभा में सत्र में निजी यूनिवर्सिटी, प्राइवेट कॉलेज, कोचिंग सेंटर और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए राजस्थान स्टेट एजुकेशनल रेग्युलेटरी अथॉरिटी का बिल ला सकती है। इस मामले में खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उच्च शिक्षा विभाग की बैठक कर चुके है ।

पहले सिर्फ निजी यूनिवर्सिटी के लिए नियामक आयोग बनाने पर विचार चल रहा था। लेकिन मुख्यमंत्री के सुझाव के बाद इस बिल में प्राइवेट कॉलेज, कोचिंग सेंटर और निजी स्कूलों को भी दायरे में लाया जा रहा है।
उच्च शिक्षा विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने इस बात की पुष्टि की है कि आगामी सत्र में बिल आ सकता है और तैयारियां पूरी है।

आपको बता दे कि राजस्थान में वर्तमान में 51 निजी विश्वविद्यालय स्थापित है, लेकिन वर्ष 2008 से आज तक इन विश्वविद्यालयों की मनमानी रोकने के लिए राज्य सरकार कोई भी कानून या नियामक आयोग का गठन नहीं कर सकी है। राजस्थान में वर्तमान में 9 निजी विश्वविद्यालयों के लिए खिलाफ जांच चल रही है। जिनमें से 4 निजी विश्वविद्यालयों की जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को प्राप्त हो चुकी है, लेकिन अभी तक चाहे पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार हो या वर्तमान गहलोत सरकार कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकी है।

निजी विश्वविद्यालयों के लिए पब्लिक नोटिस जारी


उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. फिरोज अख्तर के आदेशों से बीती 15 जुलाई को एक पब्लिक नोटिस भी जारी किया गया है। इस नोटिस में बताया गया है कि राजस्थान की 51 प्राइवेट यूनिवर्सिटी को किसी भी अन्य संस्थान को सम्बद्धता प्रदान करने या अपने अधिकार देने की शक्ति नहीं है।

इन निजी विश्वविद्यालयों को  राजस्थान से बाहर देश या विदेशों में ऑफ कैंपस सेंटर, स्टडी सेंटर,  संचालित करने का अधिकार नही है। साथ ही इन निजी विश्वविद्यालयों को अपने कैंपस के अलावा राजस्थान में भी राज्य सरकार एवं यूजीसी की पूर्व अनुमति के बिना ऑफ कैंपस स्थापित और संचालित करने का अधिकार नहीं है।