राजस्थान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा बदला

सीपी जोशी
सीपी जोशी

सीपी जोशी बने नए अध्यक्ष, सतीश पूनिया को हटाया

जयपुर। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से आठ महीने पहले राजस्थान संगठन में बड़ा बदलाव कर चौंकाया है। सतीश पूनिया की जगह चित्तौडग़ढ़ से सांसद सीपी जोशी को बीजेपी का नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। पूनिया अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और उन्हें एक्सटेंशन भी दे दिया गया था। करीब-करीब तय था कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव तक पूनिया ही प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।

एबीवीपी से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले सीपी जोशी संघ के नजदीक माने जाते हैं। सतीश पूनिया भी आरएसएस बैकग्राउंड से आते हैं, अब उनकी जगह उन्हीं जैसे सियासी बैकग्राउंड के नेता को राजस्थान में संगठन की जिम्मेदारी दी गई है। 58 साल के पूनिया के मुकाबले जोशी (47) यंग भी हैं। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की ओर से जोशी की नियुक्ति संबंधी पत्र जारी किया गया है।

भाजपा
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने की ओर से जोशी की नियुक्ति संबंधी लेटर जारी किया गया।

बताया जा रहा है कि पूनिया को अब राष्ट्रीय संगठन में जगह मिल सकती है। राजस्थान बीजेपी में सीएम फेस की लड़ाई के बीच संगठन में इस बड़े बदलाव की चर्चाएं शुरू होने लगी हैं। सियासी जानकार इसके मायने निकाल रहे हैं। अब नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति भी जल्द होने के आसार हैं। गुलाब चंद कटारिया के राज्यपाल बनाए जाने के बाद से यह पद खाली है। ऐसे में अब नेता प्रतिपक्ष गैर ब्राह्मण चेहरा होने के आसार हैं।

चंद्र प्रकाश जोशी चित्तौडग़ढ़ से दो बार लोकसभा पहुंचे हैं। वह पहले 2014 में फिर 2019 में इस सीट से चुनाव जीते। 2014 के आम चुनाव में उन्होंने कांग्रेसी की सीनियर नेता गिरिजा व्यास को हराया था। जोशी भाजपा के यूथ विंग, भाजयुमो के प्रदेश प्रेसिडेंट रहे हैं। वह बीजेपी राजस्थान के 15वें अध्यक्ष और 7वें ब्राह्मण अध्यक्ष। इससे पहले हरिशंकर भाभड़ा, भंवरलाल शर्मा, ललित किशोर चतुर्वेदी, महेश चंद्र शर्मा, रघुवीर सिंह कौशल और अरुण चतुर्वेदी ब्राह्मण प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। अध्यक्ष बदलने के बाद भाजपा के सामने अब नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन एक चुनौती होगी।

साढ़े तीन साल प्रदेशाध्यक्ष रहे पूनिया

ट्वीट
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर पार्टी का आभार जताया।

सतीश पूनिया ने 15 सितंबर 2019 को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाला था। पूनिया साढ़े तीन साल तक इस पद पर रहे। बीजेपी ने कई बार नए चेहरों को प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर मौका देकर चौंकाया है। बीजेपी राज में अशोक परनामी की जगह चुनावी साल में मदन लाल सैनी को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर चौंकाया था। सैनी के देहांत के बाद सतीश पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी दी गई थी। केंद्र में सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने हर बार नए चेहरों को मौका देकर चौंकाने वाला ट्रेंड बरकरार रखा है।

संसद में जोशी ने राष्ट्रपति को शबरी, मोदी को राम बताया था

संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान चित्तौडग़ढ़ से बीजेपी सांसद सीपी जोशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को शबरी और पीएम नरेंद्र मोदी को राम बता दिया था। पीएम के कामकाज की तारीफ करते हुए जोशी ने कहा था, त्रेता युग में माता शबरी श्रीराम का स्वागत करने के लिए आतुर थीं। आज हम लोग संयुक्त सत्र की बात करें। राष्ट्रपति आज जब संसद में प्रवेश कर रही थीं, तब ऐसा लग रहा था कि उस समय त्रेतायुग में शबरी श्रीराम का स्वागत कर रही थीं। अभी ऐसा लग रहा था, जैसे श्रीराम शबरी का स्वागत करने के लिए, उनका अभिनंदन करने के लिए संसद के द्वार पर खड़े हैं। एक नरेंद्र वे थे, जिन्होंने कहा था लक्ष्य की पूर्ति तक मत रुको। एक नरेंद्र ये हैं, जो चलते रहो के सिद्धांत को अपनाकर? देश सेवा के लिए निकल पड़े हैं। गरीब को गणेश मानकर काम कर रहे हैं।

भाजपा की मेवाड़ को साधने की कोशिश

सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने मेवाड़ को साधने की कोशिश की है। मेवाड़ में ब्राह्मण और वैश्य बीजेपी का बड़ा वोट बैंक है। उदयपुर से विधायक रहे गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद मेवाड़ में बीजेपी के पास कोई प्रभावी नेता नहीं रह गया था। ऐसे में जोशी को नई जिम्मेदारी देकर बीजेपी ने इस बेल्ट में खुद को मजबूत बनाने का प्रयास किया है। उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडग़ढ़ और बांसवाड़ा जिलों में ब्राह्मण और वैश्य वर्ग का खासा वोट बैंक है।

ब्राह्मण महापंचायत में शामिल हुए थे सीपी जोशी

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए सीपी जोशी ने रविवार को जयपुर में हुई विप्र महापंचायत में हिस्सा लिया था। उन्होंने महापंचायत में सनातन की रक्षा के साथ समाज हित में काम करने और समाज के नेताओं की बेवजह आलोचना नहीं करने की सीख दी थी। अब उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने ब्राह्मण वोटर्स को मैसेज देने की कोशिश की है। ब्राह्मण बीजेपी का सबसे बड़ा कोर वोटर रहा है। ऐसे में इस बडे वर्ग को साधने के हिसाब से इस नियुक्ति को अहम माना जा रहा है। बीजेपी के पिछले 42 साल से ज्यादा के इतिहास में राजस्थान में 22 साल से ज्यादा प्रदेशाध्यक्ष इसी वर्ग से रहे हैं।

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