बेफिक्र होकर लाएं इलेक्ट्रिक वाहन

इलेक्ट्रिक वाहन
इलेक्ट्रिक वाहन

कोई भ्रम है तो यह खबर पढकऱ हो जाएगा दूर

नई दिल्ली। पिछले तीन-चार साल में इलेक्ट्रिक वाहनों की चलन भारत में बेहताशा बढ़ा है। दो पहिया और चार पहिया की भारतीय बाजार में बिक्री काफी अच्छी है और आने वाले समय में इसकी बिक्री और तेजी से बढऩे की संभावना है। लेकिन, आज भी बड़ी संख्या में लोग ईवी खरीदने में हिचकिचाते हैं। इस खबर के माध्यम से हम उन भ्रम को दूर करने जा रहे हैं, जो ईवी को लेकर फैलाई जा रही है। ताकि आप समय से खुद को अपडेट रख सकें और खुद को भ्रम के शिकार होने से बचा लें।

इलेक्ट्रिक वाहन
इलेक्ट्रिक वाहन

खरीदने का एक लाभ यह भी है कि यह गाडिय़ां काफी शांत होती है इसका मतलब इनको चलाना एक बहुत ही इजी और आरामदायक ड्राइविंग एक्सपीरियंस वाला होता है। इलेक्ट्रिक मोटर्स गैसोलीन इंजनों की तुलना में बहुत ही कम शोर और कंपन पैदा करते हैं जिससे अधिक सुखद और शांतिपूर्ण ड्राइव का एक्सपीरियंस भी मिलता है।

बेहतर एयर क्वालिटी

ग्रीनहाउस गैस एमिशनको कम करने के अलावा, ईवी वातावरण में जारी हानिकारक प्रदूषकों की मात्रा को कम करके भी वायु गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। गैसोलीन वाहन कई प्रदूषक पैदा करते हैं, जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, पार्टिकुलेट मैटर और वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड्स , जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। सडक़ पर गैसोलीन वाहनों की संख्या को कम करके, ईवी शहरों और अन्य क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

इकोनॉमिकल नहीं?

बहुत से लोगों का कहना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल इकोनॉमिकल नहीं है। लेकिन अगर आप इस ईंधन से चलने वाली गाडिय़ों से कंपेयर करेंगे तो और आप मेंटेनेंस कॉस्ट को भी जोडकऱ देखेंगे तो आपको ये अधिक किफायती लगेगी। ईवी का रनिंग और मेंटेनेंस कॉस्ट काफी कम है।

सुरक्षा को लेकर चिंता

पिछले साल इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर कई घटनाएं सामने आई थी, जिसके बाद से लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल के सुरक्षा पर सवाल उठाने लगे थे। बहुत सारे लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि इलेक्ट्रिक व्हीकल सेफ नहीं होती है। ईवी बनाने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट की सेफ्टी को लेकर काफी सीरियस हैं और वह अपने आरएंडी पर काफी पैसे भी खर्च करती हैं, ताकि लोगों को जो प्रोडक्ट मिले वह काफी सुरक्षित हो।

यह भी पढ़ें : ये फूड्स खाएंगे तो पास नहीं फटकेगा बुढ़ापा