बायर सेलर मीट का वर्चुअल प्लेटफार्म पर आज एक्सक्लूसिव उद्घाटन

नई दिल्ली: डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन के भारतीय दूतावासों के समन्यवय से हस्त शिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने “वर्चुअल बायर्स सेलर्स मीट ऑफ इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स मैन्यूफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट्स विद् बायर्स ऑफ नॉरडिक (एनओआरडीआईसी) रीजन्स इन यूरोप” का आयोजन किया है। ईपीसीएच के महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने जानकारी दी कि 27 जनवरी से 29 जनवरी, 2021 तक चलने वाले इस वर्चुअल मोड के बायर सेलर मीट (ग्राहक विक्रेता मीट) के आयोजन में देश के कोने-कोने से 158 मान्यता प्राप्त निर्माता और निर्यातक विभिन्न हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं।

डॉक्टर राकेश कुमार ने यह भी बताया कि वर्चुअल मोड और प्लेटफार्म पर हुए इस आयोजन के उद्घाटन में भारत सरकार के कपडा मंत्रालय के हस्तशिल्प विकास आयुक्त श्री शांतमनु, स्वीडन और लात्विया के भारतीय दूतावास में राजदूत महामहिम श्री तन्मय लाल, डेनमार्क के भारतीय दूतावास में राजदूत महामहिम श्री अजित गुप्ते, नॉर्वे के भारतीय दूतावास में राजदूत महामहिम श्री (डॉ.) बी.बाला भास्कर, फिनलैंड और एस्टोनिया के भारतीय दूतावास में राजदूत महामहिम श्री रवीश कुमार ने शुभकामनाएं देते हुए ईपीसीएच को यूरोप के नॉरडिक (एनओआरडीआईसी) क्षेत्र में पहली वर्चुअल बायर सेलर मीट कराने के लिए बधाई दी और कहा कि यह हस्तशिल्प निर्यातक समुदाय द्वारा हस्तशिल्प सेक्टर को ताकत देने वाले लगातार प्रयासों को दर्शाता है। भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के हस्तशिल्प विकास आयुक्त श्री शांतमनु ने अपने भाषण में सभी ग्राहकों और प्रदर्शकों का स्वागत किया और साथ ही नॉरडिक क्षेत्र के सभी भारतीय दूतावासों के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अपने अपने देशों में इस वर्चुअल बायर सेलर मीट का प्रचार प्रसार और प्रोत्साहन किया।

स्वीडन और लात्विया के भारतीय दूतावास में राजदूत महामहिम श्री तन्मय लाल ने कहा कि इस वर्चुअल बायर सेलर मीट में प्रदर्शित हस्तशिल्प की गुणवत्ता और रेंज सभी को हैरान करने वाली हैं। यह स्वीडन के ग्राहकों के लिए भारतीय हस्तशिल्प उत्पादकों और प्रदर्शकों से सीधे जुड़ने और सीधे क्रय करने का शानदार अवसर है। दोनों देशों के बीच बेहतरीन और अटूट राजनीतिक संबंधों के साथ ही व्यापार, निवेश के संबंध तकनीक और नवाचार के रिश्ते दोनों देशों के बीच एक मजबूत जुडाव का आधार हैं। उन्होंने कहा कि यह और भी रोमांचित करने वाला तथ्य है कि आज दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के ये संपर्क और संबंध लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं भले ही कोविड ने इस प्रक्रिया को थोड़ा धीमा कर दिया है।

डेनमार्क के भारतीय दूतावास में राजदूत महामहिम श्री अजित गुप्ते ने डेनमार्क के निर्यातकों, थोक विक्रेताओं, फुटकर स्टोर्स, बायिंग प्रतिनिधि और शेयरधारकों, संगठनों, व्यापारिक चैंबर्स और प्रवासी भारतीयों को इस वर्चुअल आयोजन का हिस्सा बनने और भारतीय निर्यातकों से सीधे जुड़ने और अपनी आवश्यकता के अनुसार क्रय करने और व्यापारिक रिश्ते बनाने के लिए आमंत्रित किया है।

नॉर्वे के भारतीय दूतावास में राजदूत महामहिम श्री (डॉ.) बी.बाला भास्कर ने इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह वर्चुअल बायर सेलर मीट विश्व भर में प्रसिद्ध और सम्मानित भारतीय विविधता के प्रदर्शन का एक शानदार अवसर है। यह विश्व को भारत का विविध और व्यापाक कौशल, प्रतिस्पर्धात्मक वृत्ति और वैश्विक गुणवत्ता मानकों के पालन का प्रदर्शन करने का भी शानदार अवसर है।

फिनलैंड और एस्टोनिया के भारतीय दूतावास में राजदूत महामहिम श्री रवीश कुमार ने उद्घाटन के दौरान कहा कि भारतीय हस्तशिल्प के लिए नॉरडिक क्षेत्र अभी भी प्रमुख निर्यात स्थल नहीं बन सका है। ऐसे में हम क्या उत्पादन कर रहे हैं इसके बारे में इस क्षेत्र में हमें ज्यादा जागरुकता लाने की जरुरत है। इसके साथ ही यह भी जरुरी है कि हम यहां के ग्राहकों के रुचि और प्राथमिकताओँ के हिसाब से उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं के लिए रोडशो जैसे आयोजन करें।

इस अवसर पर ईपीसीएच के चेयरमैन रवि के पासी ने वर्चुअल बायर सेलर मीट में सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह वर्चुअल बायर सेलर मीट प्रदर्शकों और ग्राहकों के बीच एक डिजिटल मार्केटिंग विकल्प उपलब्ध कराने वाला है। उन्होंने उम्मीद जताई भारतीय दूतावासों के सहयोग से आयोजित यह बायर सेलर मीट भारत और नॉरडिक क्षेत्रों के बीच व्यापार, अर्थव्यवस्था और लोगों के बीच सीधे संपर्क विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी। भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय ने इस बायर सेलर मीट को प्रायोजित किया है। ईपीसीएच के चेयरमैन श्री रवि के पासी ने यही जानकारी भी दी कि इस आयोजन के पहले दिन करीब 200 ग्राहकों ने बायर सेलर मीट के डिजिटल प्लेटफार्म पर शिरकत की और प्रदर्शकों से संवाद किया।

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ईपीसीएच के महानिदेशक ने इस अवसर पर ईपीसीएच की यात्रा पर प्रकाश ड़ाला कि कैसे वर्ष 1994 से आयोजित हो रहा आईएचजीएफ दिल्ली मेला धीरे-धीरे इतना विशाल हो चुका है कि अब लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने इसे विश्व में एक छत के नीचे हस्तशिल्प निर्यातकों के सबसे बड़े समागम के रुप में मान्यता दे दी। उन्होंने इस वर्चुअल बायर सेलर मीट के उद्देश्यों पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय कंपनियों और निर्यातकों और नॉरडिक क्षेत्र समेत पूरे यूरोप के ग्राहकों के बीच एक वर्चुअल समागम स्थल साबित होगा। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प, गिफ्ट्स, फर्नीचर, फैशन, जीवनशैली के उत्पादों को क्रय करने में रुचि रखने वाले नॉरडिक क्षेत्र समेत पूरे यूरोप के ग्राहकों, कंपनियों और बाज़ारों के बीच यह आयोजन भारतीय हस्तशिल्प की ‘ब्रांड इमेज’ भी स्थापित करेगा। ईपीसीएच के महानिदेशक डॉ. (श्री) राकेश कुमार ने कहा कि भारतीय हस्तशिल्प शिल्पकारी, पारंपरिक डिजाइन और रंगों की वजह से पूरे विश्व में विशिष्ट स्थान रखते हैं और किसी भी देश के हस्तशिल्प उत्पाद इनका मुकाबला नहीं कर सकते हैं।