
तिरूवंतपुरम। नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध केरल विधानसभा में बुधवार को एक प्रस्ताव पास किया गया था। इस प्रस्ताव पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस प्रस्ताव की कोई कानूनी या संवैधानिक वैधता नहीं है, क्योंकि नागरिकता विशेष रूप से एक केंद्र का विषय है। इसलिए इसका वास्तव में कुछ महत्व नहीं है।
आपकों बता दें कि इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ केरल विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को असंवैधानिक बताया था। रविशंकर प्रसाद ने संविधान के अनुच्छेद 245/46 और 256 का हवाला देते हुए कहा था कि केरल विधानसभा का प्रस्ताव गलत है और संविधान की भावनाओं के खिलाफ है। गौरतलब है कि केरल विधानसभा सदन में 31 दिसंबर, 2019 को एक प्रस्ताव पारित किया गया है।
इस प्रस्ताव का सदन में सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले गठबंधन एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने विधानसभा में सीएए के विरोध में पेश प्रस्ताव का समर्थन किया था। वहीं भाजपा के एकमात्र सदस्य ने इसका विरोध किया। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी।