डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा- भारत के प्रति दस लाख जनसंख्या पर मृत्यु संख्या न्यूनतम

डॉ हर्ष वर्धन, Dr. Harsh Vardhan
डॉ हर्ष वर्धन, Dr. Harsh Vardhan

डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 मंत्री समूह की 18वीं बैठक की अध्यक्षता की

हमारा उद्देश्य मृत्यु में कमी लाना और मृत्यु दर को कम बनाए रखना है

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि ‘अब भारत में कोविड-19 पर काबू पाने में हम आगे बढ़ रहे हैं, कंटेनमेंट और सर्विलांस के कड़े उपायों के जरिए कोविड-19 के प्रबंधन, जांच की पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल करना, अन्य बीमारियों वाले कोविड के मरीजों और वरिष्ठ नागरिकों की मॉनिटरिंग,उभरते हॉट्स पॉट का अनुमान लगाना, आरोग्य सेतु जैसे डिजिटल टूल से फायदा उठाना, रोगियों के अस्पतालों में दाखिले की प्रक्रिया को सुचारू बनाना, बुनियादी ढांचे की तैयारी पर हमारा ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।

कोविड-19 पर गठितउच्च स्तरीय मंत्री समूह की 18वीं बैठक आज गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस.जयशंकर, नागरिक विमानन मंत्री हरदीप पुरी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे उपस्थित थे, जबकि रासायनिक और उर्वरक तथा पोत परिवहन राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया और नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डॉ. विनोद पॉल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए।

डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि भारत के प्रति दस लाख जनसंख्या पर मामले और मृत्यु संख्या न्यूनतम हैं।उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य मृत्यु में कमी लाना और मृत्यु दर को कम बनाए रखना है। मंत्री समूह की बैठक की शुरुआत में भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। कोविड-19 से अत्यंत प्रभावित विश्व

के पांच देशों की स्थिति की तुलना से स्पष्ट होता है कि भारत, मृत्यु और बीमारी के न्यूनतम मामलों वाले देशों में से एक है। प्रति दस लाख जनसंया पर भारत में 538 मामले और 15 मौतें हुई हैं, जबकि वैश्विक औसत के अनुसार 1453 मामले और 68.7 मौतें बनती हैं। देश में 8 राज्य (महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात) के कुल मिलाकर सक्रिय मामले देश के कुल सक्रिय मामलों में से 90 प्रतिशत बनते हैं और 49 जिलों में आज की तिथि में 80 प्रतिशत सक्रिय मामले हैं।

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इसके अलावा, 6 राज्य (महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, उार प्रदेश और पश्चिम बंगाल) की कुल मौतें, देश की कुल मौतों की संख्या का 80 प्रतिशत बनती हैं।

मंत्री समूह को अधिक मृत्यु दर वाले क्षेत्रों में मृत्यु दर में कमी लाने के लिए किए गए विशेष प्रयासों से अवगत कराया गया। साथ ही देश में कोविड-19 के स्वास्थ्य ढांचे के बारे में भी मंत्री समूह को अवगत कराया गया। अनलॉक 2.0 की अवधि के दौरान के भावी कदमों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन के सीमांकन समेत कंटेनमेंट और सर्विलांस पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना, वेबसाइट पर कंटेनमेंट जोन को अधिसूचित करना, नियंत्रण के कड़े मानक और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति, संपर्कों का सघन पता लगाना, घर से घर तक तलाश/सर्विलांस और नये संभावित मामलों की संख्या कम करने के लिए कंटेनमेंट जोन से बाहर बफर जोन की पहचान शामिल हैं। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह ने महामारी के दौरान भारत में किए गए सर्विलांस के प्रयासों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की।

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अधिकार प्राप्त समूह-8 के अध्यक्ष अमित खरे ने मंत्री समूह के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिनमें संचार और सूचना तथा जनजागरूकता के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई।

बैठक में स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन, मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी राजेश भूषण, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव और औषध विभाग के सचिव पी.डी. वाघेला, पोत परिवहन विभाग के सचिव संजीव रंजन, वस्त्र विभाग के सचिव रवि कपूर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी और आईटीबी के प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया।