राम जन्मभूमि जमीन विवाद मामले में चंपत राय को ट्रस्ट के महामंत्री पद से हटाया जा सकता है

चित्रकूट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 5 दिनों के मंथन में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के जमीन विवाद का मुद्दा भी उठा। दरअसल, इस विवाद को लेकर मीडिया, जनता और विपक्ष सभी की नजरें संघ के स्टैंड पर हैं।

माना जा रहा था कि संघ के मंथन में चंपत राय को ट्रस्ट के महामंत्री पद से हटाए जाने का फैसला लिया जा सकता है पर ऐसा नहीं हुआ। चित्रकूट पहुंचे चंपत राय ने संघ के सामने अपनी दलीलें रखीं और उन्हें फिलहाल अभयदान मिल गया है, लेकिन शर्त के साथ।

संघ ने अभी उन्हें महामंत्री पद पर बनाए रखने का फैसला लिया है। सूत्रों ने बताया कि चंपत राय की सफाई पर संघ के शीर्ष पदाधिकारी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें संघ की अदालत से क्लीन चिट नहीं मिली। फिलहाल संघ के शीर्ष नेतृत्व ने चंपत राय को अभय दान जरूर दे दिया है।

संघ ने हिदायत दी है कि चंपत राय इस विवाद पर किसी भी हाल में बयानबाजी न करें। इसी शर्त पर उन्हें पद पर बनाए रखने का फैसला लिया गया है। यह भी स्पष्ट कहा गया कि इस मामले में कहीं न कहीं तो चूक हुई है। संघ की छवि को इससे बहुत धक्का पहुंचा है।

यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि अगर श्री राम जन्मभूमि जमीन विवाद ने ज्यादा तूल पकड़ा तो चंपत राय को पद से हटना भी पड़ सकता है।

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