मुख्यमंत्री ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र: आशा सहयोगिनियों के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाए केन्द्र सरकार

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर केन्द्र सरकार से आशा सहयोगिनियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आशाओं द्वारा समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में निभाई जा रही अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए इनकी प्रोत्साहन राशि में वृद्धि नितान्त आवश्यक है, ताकि इनका मनोबल ऊंचा रहे और वे अधिक दक्षता एवं गुणवत्ता के साथ स्वास्थ्य सेवाओं का निष्पादन करें। मुख्यमंत्री ने शनिवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र मेें कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत चयनित आशा कार्यकर्ताओं द्वारा आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से शहरों और दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों सहित जमीनी स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य गतिविधियों का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक सुलभ करवाने का काम किया जाता है। 

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की वेदनाओं के प्रति सवेदनशील है और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए उनके साथ खड़ी है। इस क्रम में राज्य सरकार द्वारा इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आर्थिक संबल देने के लिए समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग की ओर से 2700 रूपये प्रतिमाह की दर से अतिरिक्त मानदेय भी दिया जा रहा है, जो पूर्णतया राज्य मद से दिया जाता है। 

गहलोत ने लिखा कि मिशन की शुरूआत से ही पिछले 15 वर्षों के दौरान आशा सहयोगिनियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को सुदृढ़ करने तथा मिशन के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। वर्ष 2020 में कोविड-19 वैश्विक महामारी के काल में आशा सहयोगिनियाें ने घर-घर जाकर सर्वे जैसे महत्वपूर्ण काम को भी अंजाम दिया। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा आशा सहयोगिनियों को स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न गतिविधियों हेतु देय प्रोत्साहन राशि में वर्ष 2013-14 के बाद से विशेष कार्यक्रमों में भागीदारी को छोड़कर कोई वृद्धि नहीं की गई है। एक आशा कार्यकर्ता को इसके तहत प्रतिमाह औसतन 3000 रूपये का भुगतान होता है, जो कार्य निष्पादन के अनुसार कम या अधिक भी हो सकता है।

गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखा कि देश में महंगाई सूचकांक में उत्तरोत्तर वृद्धि के बावजूद भारत सरकार द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य गतिविधिवार प्रोत्साहन राशि में वृद्धि नहीं होने से आशा कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं और उनमें असंतोष पनप रहा है। मिशन के प्रावधानों के अन्तर्गत यह प्रोत्साहन राशि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा 60ः40 के अनुपात में वहन की जाती है। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कुल 55,816 स्वीकृत पदों के विरूद्ध वर्तमान में 52,248 आशा सहयोगिनियां कार्यरत हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी से अनुरोध किया कि आशाओं समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में आशाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुये इनको केन्द्र सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि में समुचित वृद्धि की जाए।