चीन के 1.5 करोड़ युवा हुए बेरोजगार, जानें क्यों?

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चीन की सरकारी नीतियों के कारण कई संस्थानों में हुई छंटनी

बीजिंग। चीन में इन दिनों बेरोजगारी बहुत बढ़ रही है। इस कारण चीन के करीब डेढ़ करोड़ युवा बेरोजगार हो गए हैं। इसके पीछे चीन के सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की छंटनी होने को कारण बताया जा रहा है। वर्तमान में 16 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी ज्यादा बढ़ रही है। 2022 में हुई कई रिसर्च में भी यह डाटा सामने आया कि इंजीनियरिंग की डिग्री वाले युवा अब सरकारी दफ्तरों में बाबू बनने के लिए मजबूर हैं। करीब 1.5 करोड़ युवाओं ने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन दिए हैं। विश्व की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में चीन में बेरोजगारी दर ज्यादा है। यहां बेरोजगारी की दर 19.3% है, जबकि अमेरिका में बेरोजगारी दर इसकी आधी ही है।

सरकार की कड़ी नीतियों के कारण सड़क पर आए लोग

कोरोना के समय सरकार की कड़ी नीतियों से कई कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी हुई। इससे कई लोग सड़क पर आ गए। वहीं, रियल एस्टेट और शिक्षा से जुड़ी कंपनियों पर भी सरकार नीतियों का असर पड़ा है।

बैंकों के गेट पर तैनात करनी पड़ी सेना

हाल ही चीन में कई बैंकों से पैसे निकालने पर रोक लगा दी गई। बैंक ऑफ चाइना का कहना है कि यहां जमा पैसा एक निवेश है। इसे निकाला नहीं जा सकता। इस फैसले के खिलाफ चीन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने भारी संख्या में सेना के टैंकों को सड़कों पर उतार दिया है, ताकि लोगों को पैसा निकालने से रोका जाए। इसी मामले में 10 जुलाई को हेनान के झोंगझोऊ में बैंक ऑफ चाइन की ब्रांच के सामने 1000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे और जोरदार प्रदर्शन किया था।

चीनी प्रोफेसर का दावा, यह साल अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब

कुछ ही दिनों पहले वायरल हुए एक वीडियो में बीजिंग की सिंघुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झेंग युहुआंग ने कहा था कि 2022 चीन के लिए मुश्किल साल है। झेंग के अनुसार, 2022 के पहले क्वॉर्टर में चीन में 4.60 लाख कंपनियां बंद हो चुकी हैं और 31 लाख बिजनेस परिवार दिवालिया हो गए हैं। इस साल 1.76 करोड़ कॉलेज ग्रेजुएट निकले हैं, जिससे नौकरियों का संकट पैदा हो गया है। चीन में करीब 8 करोड़ युवा बेरोजगार हैं।

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