रणनीतिक स्तर पर चीन के नए पैंतरे से दोनों देशों के बीच बात बनने के बजाय और बिगड़ने का अंदेशा पैदा हो रहा

नई दिल्ली। चीन ने लद्दाख के सांविधानिक वजूद और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के 1959 वाली स्थिति का मुद्दा उठा कर बातचीत से जरिये तनातनी कम करने के ताजा प्रयासों पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।

रणनीतिक स्तर पर चीन के इस नए पैंतरे से दोनों देशों के बीच बात बनने के बजाय और बिगडऩे का अंदेशा पैदा हो रहा है। बातचीत की चालू प्रक्रिया पटरी से उतरे इससे पहले बैकचैनल के जरिये उच्च स्तर पर इसे दुरुस्त करने की कोशिश भी शुरू हो गई है। हालांकि इतना तय माना जा रहा है कि एलएसी पर लगी आग निकट भविष्य में बुझने वाली नहीं है।

मामले से जुड़े उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक पैंगोंग के उत्तरी और दक्षिणी भाग में भारतीय सेना की मजबूत स्थिति से सैन्य स्तर की बातचीत में चीन ज्यादा मोलभाव नहीं कर पा रहा है। चीन को भारतीय सेना की तरफ से इस तरह की जबरदस्त प्रतिक्रिया और एलएसी पर लंबे समय तक डटे रहने के जज्बे की उम्मीद नहीं थी।

सूत्रों के मुताबिक हालांकि चीन ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और छठे दौर की सैन्य बातचीत के बाद साझा बयान देकर सकारात्मक माहौल जरूर बनाया, लेकिन अब भारत की अपने मुद्दे से ना हटने की मजबूत नीयत देख कर चीन बातचीत को सैन्य स्तर से पूरी तरह कूटनीतिक स्तर पर ले जाने की फिराक में है।

यही वजह है कि चीन ने बातचीत के ऐसे नाजुक मोड़ पर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश मानने से इनकार करते हुए 1959 का मुद्दा उठा दिया। चीन को अच्छी तरह मालूम है कि भारत इसका विरोध करेगा तो वार्ता के दौरान उसे बैकफुट पर धकेला जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक एलएसी पर मजबूत सैन्य स्थिति के साथ भारत की जापान, ताईवान और आस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ बातचीत और सामरिक घेरेबंदी ने भी चीन को परेशान कर रखा है।

चीन से छह दौर की वार्ता का नेतृत्व करने वाले कमांडर को सैन्य अकादमी की कमान

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव के बीच चीन के साथ छह तौर की सैन्य वार्ता का नेतृत्व करने वाले कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह को भारतीय सैन्य अकादमी की कमान सौंपी जाएगी। सिंह पिछले एक साल से लेह स्थित 14 कोर के कमांडर हैं।

सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में अपना मौजूदा पद छोड़ेंगे और युवा कैडेट्स को अफसर बनाने वाली अकादमी का नेतृत्व संभालेंगे। वह चीन के साथ 21 सितंबर को हुई छठी दौर की बैठक में शामिल थे।

सूत्रों के मुताबिक सिंह की जगह 14वीं कोर की कमान लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन को सौंपी जाएगी। 14वीं कोर के प्रमुख रहते हुए लेफ्टिनेंट सिंह ने लद्दाख में भारत की युद्धक तैयारियों की कमान संभाली और चीनी सैनिकों के आक्रामक व्यवहार से निपटने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने में अहम भूमिका निभाई।

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