कहा— आप सीएम के जिले में पोस्टेड हो, यहीं सड़कें खराब हैं तो लोग क्या कहेंगे
जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर की खराब सड़के और प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे बांटने में लारपवाही बरतने वाले अफसरों को सार्वजनिक रूप से जमकर फटकार लगाई। गहलोत ने कहा- जोधपुर की सड़कें बहुत खराब हैं। जिस अधिकारी को जोधपुर में रहना है उसे सड़कें ठीक करनी ही पड़ेंगी,करनी ही पड़ेंगी। मैंने मंत्री सुभाष गर्ग से कहा है कि अफसरों की क्लास लीजिए। चाहे नगर निगम हो,जेडीए हो, जिला प्रशासन हो आपको कम से कम इतना तो समझना चाहिए कि आप मुख्यमंत्री के जिले में पोस्टिंग किए हों। लोग क्या सोचेंगे कि मुख्यमंत्री के जिले में ही सड़कें खराब हैं। उस नाते ही आपको आगे बढ़कर काम करना चाहिए। गहलोत जोधपुर में विकास कामों के शिलान्यास-लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे।
सीएम बोले-जिस अधिकारी को जोधपुर में रहना है उसे सड़कें ठीक करनी ही पड़ेंगी, पट्टे देने में लापरवाही पर भी अफसरों को फटकारा
गहलोत ने कहा- हमने तो जयपुर बैठकर कानून में कोई 50, 70 से 80 बदलाव कर दिए। पांवच रुपए में पट्टा दे रहे हैं। तब भी इनकी कलम नहीं चलती है। जोधपुर के कई लोग नौकरी कर रहे होंगे नगर निगम, जेडीए में, उनको तो लिहाज करना चाहिए कि हम यहां के जाए जन्में हैं, यहां नौकरी कर रहे हैं। इनके ट्रांसफर भी नहीं हो रहे हैं। क्या इनको आगे बढकर काम नहीं करना चाहिए ताकि गरीबों को पट्टे मिलें। जमीन पर कोई 50 साल से बैठा है, कुछ काम करेगा, बैंकों का लोन नहीं मिलेगा उसको। पट्टा देने में आनाकानी कर रहे हैं। आपको तनख्वाह अच्छी मिलती है, रही सही कसर मैंने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करके पूरी कर दी, मुझे अफसोस होता है कि फिर भी काम नहीं करते।
जोधपुर की खराब सड़के होने के कारण 10 किलोमीटर का सफर हेलिकॉप्टर से तय किया था सीएम ने
शहर में बारिश के बाद अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इन पर बड़े-बड़े गड्ढ़े पड़े हुए है। बारिश का दौर थमने के बावजूद अधिकारी इनकी मरम्मत कराने की सुध भी नहीं ले रहे है। जोधपुर की खराब सड़के और हालात ऐसे हो गए कि सोमवार को ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का उद्गाटन करने के लिए अधिकारी मुख्यमंत्री को दस किलोमीटर का रास्ता सड़क से तय कराने के बजाय हेलिकॉप्टर से ले गए। ताकि गहलोत शहर की सड़कों की दुर्दशा को देख नहीं सके। आज आखिरकार गहलोत ने वन महोत्सव के लिए जाते समय सड़कों की स्थिति को देख लिया।
जननायक रोक नहीं पाए खुद को, जनता की समस्याएं सुनी और दिया समाधान का आश्वासन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आम जन की समस्याओं को सुनने के लिए जनसुनवाई का दिन तो मुकर्रर था 31 अगस्त, बुधवार का। लेकिन मंगलवार को श्री उम्मेद राजकीय स्टेडियम में आयोजित शिलान्यास समारोह में जाने के लिए सर्किट हाऊस से रवानगी से पूर्व समस्याओं के निस्तारण की उम्मीद में खड़े लोगों को देख मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं को सुना, ज्ञापन लिए तथा आत्मीयता से बातचीत की और समाधान का आश्वासन दिया।
जनसुनवाई के लिए निर्धारित समय से एक दिन पूर्व ही जन भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा समस्याओं की सुनवाई को देख उम्मीद लिए आए लोगों ने ख़ासे सुकून का अहसास किया। इस दौरान् कई संगठनों और संस्थाओं ने जन कल्याणकारी योजनाओं व जनहित कार्यों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया।