
नासिक । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को त्र्यंबकेश्वर और नासिक में 2027 के सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि समय पर सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी और इस काम में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
फडणवीस ने कहा कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर और आसपास के इलाके के विकास के लिए योजना तैयार की गई है। इससे पहले उन्होंने त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दर्शन किए और कुशावर्त तीर्थ का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि कुंभ मेले के लिए कॉरिडोर, पार्किंग, शौचालय, मंदिर और तालाबों की मरम्मत जैसे काम किए जाएंगे। साथ ही ब्रह्मगिरि क्षेत्र में प्राकृतिक रास्ते बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने पानी की शुद्धता पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) नेटवर्क की योजना बनाई गई है। उन्होंने वादा किया कि कुंभ मेले से पहले सभी काम पूरे होंगे।
फडणवीस ने कहा, “इसके लिए बड़ी रकम चाहिए होगी, लेकिन राज्य सरकार धन की कमी नहीं आने देगी। हम जरूरी फंड मुहैया कराएंगे।”
उनका कहना था कि देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के कुंभ मेले की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी कानून बनाने की बात कही।
उन्होंने बताया कि कुंभ मेला प्राधिकरण का गठन होगा, ताकि तैयारियों के लिए मजबूत कानूनी ढांचा तैयार हो सके।
संतों की इस मांग पर कि वह स्वयं कुंभ मेले की जिम्मेदारी लें, फडणवीस ने कहा, “मुख्यमंत्री के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है। हम उत्तर प्रदेश की तरह ही कानून बनाकर काम करेंगे। इससे कुंभ मेले का आयोजन व्यवस्थित और भव्य होगा।”
कुशावर्त तीर्थ के पानी की खराब स्थिति पर नाराजगी जताते हुए फडणवीस ने कहा कि उन्होंने विशेषज्ञों की टीम से जांच कराई थी। विशेषज्ञों ने पानी साफ करने के उपाय सुझाए हैं, जिनमें से कुछ पर फैसला लिया जा रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सबसे अच्छा विकल्प चुनकर तुरंत कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि प्याज पर लगी 20 फीसद निर्यात शुल्क को हटा लिया गया है। यह फैसला शनिवार को लिया गया, जिससे प्याज किसानों को फायदा होगा। फडणवीस ने कहा कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी और बाजार में राहत मिलेगी।
उन्होंने 2027 में नासिक और त्र्यंबकेश्वर में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों के बारे में बताया कि इसके लिए कई बैठकें हो रही हैं और हर तरह की व्यवस्था की जा रही है। त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए 1,100 करोड़ रुपये का प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत मंदिर क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, जैसे पार्किंग, शौचालय, रास्ते और पानी की व्यवस्था। उन्होंने कहा, “हम इस काम को दो हिस्सों में करेंगे। पहला चरण 2027 तक और दूसरा 2028-29 तक पूरा होगा।”