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रोग नियंत्रण में स्टेकहोल्डर्स विभागों का सहयोग लिया जाएगाः विकास एस भाले, प्रमुख शासन सचिव
जयपुर। प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए पूर्व तैयारियों तथा स्टेक होल्डर्स विभागों के बीच अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित किए जाने को लेकर गुरुवार को शासन सचिवालय में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रमुख शासन सचिव पशुपालन विभाग, विकास सीताराम भाले ने की। भाले ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि गौवंश में फैलने वाली बीमारी लम्पी एक भयावह बीमारी है।
इसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन टीकाकरण से इसका बचाव किया जा सकता है। वर्ष 2022 हमारे लिए बहुत बुरा साल था। लेकिन अब हमें उस स्थिति में वापस नहीं आना है। हम पूरी तरह सजग और तैयार हैंं। हमें विश्वास है कि स्थिति नियंत्रण में है। फिर भी हमें सावधान और सतर्क रहना है। आज की यह बैठक इसीलिए रखी गई है ताकि हमारे अन्य स्टेकहोल्डर्स विभाग के साथ हम अपनी तैयारी साझा कर सकें।
हम अन्य विभागों से मदद की आशा करते हैं और हमारा पूरा सहयोग इस कार्य के लिए उन्हें देने का भरोसा दिलाते हैं।
भाले ने कहा कि पिछले वर्ष इस बीमारी से राजस्थान में एक भी गौवंश की मृत्यु नहीं हुई थी। पशुपालन विभाग ने इस वर्ष भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है। जिलों में टीके भिजवाए जा रहे हैं।
राज्य एवं जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। रोग सर्वेक्षण, निदान, प्रभावित पशुओं के उपचार, टीकाकरण एवं नियंत्रण हेतु प्रसार माध्यमों का उपयोग किया जाएगा। सभी स्टेक होल्डर्स विभागों के साथ पशुपालन विभाग नोडल विभाग के रूप में काम करेगा। विभाग द्वारा जल्द ही इस रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु गाईडलाईन जारी कर दी जाएगी प्रारंभ में पशुपालन विभाग के निदेशक में भवानी सिंह राठौड़ और संयुक्त निदेशक डॉ. तपेश माथुर ने लम्पी रोग और स्टेक होल्डर्स विभागों के बीच समन्वय पर अपनी प्रस्तुति दी।
बैठक में पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. प्रवीण गुप्ता, गोपालन विभाग की निदेशक डॉ.शालिनी शर्मा, आर सी डीएफ के महाप्रबंधक डॉ.संतोष कुमार शर्मा, वन विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, पंचायती राज विभाग, हिंगोनिया गौशाला और राजस्थान गौ सेवा संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।