जल्द पूरे कर लें शुभ कार्य, जल्द शयन के लिए जाएंगे श्रीहरि

देवशयनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है. यूं तो हर एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व है, लेकिन आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी सबसे महत्वपूर्ण है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। पुराणों के मुताबिक, इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए पाताल लोक में शयन करने चले जाते हैं। चार महीने विश्राम के बाद कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुन: पृथ्वी लोक आते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचालन महादेव करते हैं।

देवशयनी एकादशी 2023 तिथि

देवशयनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 29 जून 2023 सुबह 03 बजकर 18 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 30 जून सुबह 02 बजकर 42 मिनट पर हो जाएगा। पूजा तिथि के अनुसार, देवशयनी एकादशी व्रत 29 जून 2023, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 05 बजकर 26 मिनट से दोपहर 04 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

देवशयनी एकादशी व्रत महत्व

देवशयनी एकादशी के दिन स्नान एवं दान का विशेष महत्व है। इस दिन गोदावरी नदी में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में भक्त नासिक में इक_ा होते हैं। एकादशी के दिन साधकों को चावल, अनाज, मसाले जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए और उपवास रखना चाहिए। उपवास रखने से जीवन में आ रही कई समस्याएं दूर हो जाती हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद सदैव बना रहता है। इसके साथ देवशयनी एकादशी पर माता लक्ष्मी की उपासना करने से साधकों को धन एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।

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