स्कूलों को रियायत दी जा सकती है तो अभिभावकों को भी राहत दे सरकार

  • आर्थिक स्थिति अभिभावकों की बिगड़ी, नोकरी, व्यापार अभिभावकों के चौपट हुए
  • ना बच्चों ने ऑनलाइन क्लास ली, ना ही बिना फीस बच्चों को क्लास दी गई, फिर भी फीस क्यो

जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि जब सरकार अदालतों के आदेशों के विरुद्ध जाकर कानून में संशोधन कर बिल लेकर आ सकती है तो अभिभावकों को भी राहत देने के लिए भी विशेष प्रावधान के तहत विधानसभा में बिल लेकर आया जा सकता है। महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी समय-समय पर वोटों की राजनीति करते हुए अदालतों के आदेशों के विरुद्ध जाकर सदन के पटल पर विशेष प्रावधानों के तहत बिल लाकर विशेष कानून बना देती है ठीक उसी प्रकार प्रदेश के अभिभावकों को भी राहत दी जा सकती है। जबकि हकीकत में इस कोविड़ काल मे अगर कोई वर्ग सबसे ज़्यादा पीड़ित है तो वह केवल अभिभावक वर्ग है जो नोकरी, व्यापार सहित बढ़ती महंगाई से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। उसके बावजूद स्कूलो द्वारा उस फीस को जमा करवाने का प्रेशर बनाया जा रहा है जिसकी सुविधा ना अभिभावक ने अपने बच्चों को दिलवाई और ना ही किसी बच्चे ने उस सुविधा का उपयोग किया तो वह फीस किस बात की जमा करवाएं। राज्य सरकार को स्कूलों के फीस मसले को गंभीरता से लेना चाहिए था किन्तु पिछले 10 महीनों से राज्य सरकार इस और ध्यान देने के बजाय स्कूलों के संरक्षण में खड़ी नजर आई।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि संयुक्त अभिभावक संघ पिछले 10 महीनों से सरकार और प्रशासन से राहत की मांग कर रही है बावजूद इसके सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्वयं के आदेश को लेकर कोई पक्ष नही रखा और ना ही अभिभावकों को लेकर कोई पक्ष रखा। इसी का नतीजा है कि आज अभिभावकों पर बिना सुविधा लिए 100 फीसदी का अतिरिक्त भार झेलना पड़ रहा है हालाकिं सुप्रीम कोर्ट ने केवल यह अंतरिम आदेश दिए है, किन्तु इस आदेश के आने से पूर्व जो तथ्य सरकार को कोर्ट में रखने चाहिए थे उसे ना रखकर अभिभावकों की भावना के साथ खिलवाड़ किया है। अब सरकार को प्रदेश के अभिभावकों को राहत देते हुए इस बजट सत्र में विशेष प्रावधान के तहत बिल लाकर राहत प्रदान करनी चाहिए। जो प्रदेश की जनता का हक है। 

एक्टिव पेरेंट्स एसोसियेशन का संयुक्त अभिभावक संघ में विलय
पिछले एक वर्ष से सेंट एंसलम स्कूल पिंकसिटी, मालवीय नगर का एक्टिव पेरेंट्स एसोसिएशन का गुरुवार को आधारिक घोषणा के साथ संयुक्त अभिभावक संघ में विलय हो गया है। एक्टिव पेरेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष मनीष शर्मा ने विलय की घोषणा करते हुए जानकारी दी एक्टिव पेरेंट्स एसोसियेशन पिछले एक वर्ष से सक्रियता के साथ कार्य कर रहा है इस संगठन 800 से अधिक अभिभावक जुड़े हुए है जो सक्रियता के साथ अपने अधिकारों का संरक्षण कर रहे है, अब एक्टिव पेरेंट्स एसोसिएशन और उसके प्रत्येक सदस्य संयुक्त अभिभावक संघ के साथ मिलकर कार्य करेंगे और अभिभावकों के अधिकारों के संरक्षण सहित शिक्षा में सम्पूर्ण सुधार को लेकर कार्य करेंगे। एसोसिएशन के निर्णय पर संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश संयुक्त मंत्री मनोज जसवानी, कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा और जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने स्वागत किया।

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अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की अभिभावक स्वयं के अधिकारों को लेकर जागरूक और एकजुट हो रहे है।