सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित की जाएगी, ज्यादा से ज्यादा की जा रही है टेस्टिंग- मुख्यमंत्री

अशोक गहलोत,ashok gehlot
अशोक गहलोत,ashok gehlot

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मॉडिफाइड लॉकडाउन मेें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही से संक्रमण बढ़ सकता है।

ऎसे में हमारा प्रयास रहेगा कि लोगों की तकलीफें कम हों लेकिन साथ ही संक्रमण और बढ़ने का खतरा भी पैदा नहीं हो। गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जयपुर के चारदीवारी सहित प्रदेश के हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में कफ्र्यू लगाकर उन्हें पूरी तरह सील किया गया है और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी

उन्होंने कहा कि चारदीवारी सहित सभी हॉट स्पॉट पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में टेस्टिंग की जा रही है।

यही वजह है कि पॉजिटिव केस अधिक संख्या मेें सामने आ रहे हैं। इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा केस ऎसे होते हैं जिनमें लक्षण दिखाई नहीं देते और टेस्टिंग के बाद ही पॉजिटिव का पता चलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा टेस्टिंग से पॉजिटिव मरीजों का पता शुरूआती दौर में ही चल जाता है और उनका इलाज भी संभव हो जाता है। साथ ही, दूसरों में संक्रमण फैलने से रोकने में भी मदद मिलती है।

उन्होंने कहा कि जयपुर की चारदीवारी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई पॉजिटिव मरीज इलाज के बाद नेगेटिव हुए हैं और उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है।

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उन्होंने कहा कि अभी तक सिर्फ 10 कोरोना मरीजों को ही आईसीयू में रखने की नौबत आई है और अन्य मरीजों को अभी आईसीयू की जरूरत नहीं है। 

गहलोत ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने का कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ किया जा रहा है। प्रदेश में बड़े स्तर पर सैम्पल कलेक्शन, टेस्टिंग एवं इलाज की पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं।

उन्होंने क्वारेंटाइन किए गए लोगों से अपील की कि वे घबराए नहीं, उनके लिए सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर्स पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं ताकि उन्हें कोई तकलीफ नहीं हो।

प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए अधिकारियों को दी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में राजस्थान के प्रवासी मजदूर एवं अन्य लोग अभी हैं उनके भोजन एवं राशन की व्यवस्था के सम्बन्ध में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है।

साथ ही, वरिष्ठ अधिकारियों को इस सम्बन्ध में दूसरे राज्यों के अधिकारियों के साथ निरंतर सम्पर्क में रहने और प्रवासियों की समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अन्य राज्यों से कई प्रवासी मजदूरों एवं जरूरतमंद लोगों ने इन अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित किया है।  

सभी मरीजों को मिले समुचित इलाज
गहलोत ने कहा कि सामान्य एवं गंभीर बीमारियों को लेकर अस्पताल पहुंचने वाले लोगों का समुचित इलाज करने के निर्देश सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों को दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जाति, धर्म एवं राजनीति से उपर उठकर इस महामारी से हमें मिलकर मुकाबला करना है। हर चुनौती को अवसर में बदलने की सोच के साथ प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है। लैब, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई गई है। 

संकट में हैं उद्योग, मदद पहुंचाए केन्द्र 
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण छोटे-बड़े उद्योगों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। ऎसे में उन्हें जिंदा रखने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के सम्बन्ध में मैंने प्रधानमंत्री से दो बार हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा कि फैक्टि्रयों के बंद होने से मजदूरों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। ऎसे में भारत सरकार द्वारा समुचित कदम उठाए जाने चाहिएं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 20 अप्रैल से फैक्टि्रयों में काम शुरू हो सकेगा। ऎसे में जो मजदूर यहां रूके हुए हैं उन्हें फिर से रोजगार मिल जाएगा। 

एफसीआई से सीधा गेहूं उठा सकेंगी आटा मिलें
गहलोत ने कहा कि हमने प्रदेश में आटा मिलों को एफसीआई के गोदामों से सीधा गेहूं उठाकर पीसकर आटा तैयार करने की व्यवस्था कर दी है। अब राशन वितरित करने वाले समाज सेवी एवं स्वयंसेवी संस्थाएं असहाय एवं निराश्रितों को गेहूं की बजाय आटा वितरित कर सकेंगे।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के एक-एक व्यक्ति और एक-एक परिवार का ख्याल रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है और इसे पूरी तरह से निभाते हुए हमारी सरकार कोविड-19 महामारी का मुकाबला कर रही है।

गहलोत ने कहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए

उन्होंने कहा कि ऎसे समय में भी मीडियाकर्मी आमजन तक सूचनाएं पहुंचाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। मेरी उनसे अपील है कि वे स्वयं का ध्यान रखने के साथ ही अपने परिवार का भी ध्यान रखें।

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ रघु शर्मा, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी ने मीडिया प्रतिनिधियों से सवाल पूछकर वीडियो कॉन्फ्रेंस वार्ता का संचालन किया।