राष्ट्रपति गोतबाया के घर में मिले करोड़ों रुपए

प्रदर्शनकारियों ने सेना को किया सुपुर्द

श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। सभी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया है। इन सभी का कहना है कि बदलाव के जिस वक्त का हम इंतजार कर रहे थे, वो आ गया है। वहीं, इन सब के बीच राष्ट्रपति ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का एलान कर दिया है। इतना ही नहीं बढ़ती हिंसा को देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पहले ही इस्तीफा दे दिया।


राष्ट्रपति गोतबया के घर से मिले करोड़ों रुपए

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रविवार को श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर धावा बोलकर उनकी हवेली के अंदर करोड़ों रुपए बरामद करने का दावा किया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें प्रदर्शनकारियों को बरामद किए गए नोटों की गिनती करते हुए दिखाया गया है। एक अखबार ने बताया कि बरामद धन को सुरक्षा इकाइयों को सौंप दिया गया था। दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने सूचित किया है कि वे प्रासंगिक तथ्यों की जांच के बाद जमीनी स्थिति की घोषणा करने के लिए कदम उठाएंगे।

राष्ट्रपति का पता नहीं, प्रदर्शनकारियों ने शुरू की तलाश

प्रदर्शनकारियों के डर से राष्ट्रपति गोतबाया कल रात आर्मी हेडक्वार्टर में छिप गए थे लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह उन्होंने वहां से भी अपना ठिकाना बदल लिया है। फिलहाल उनका पता नहीं चल रहा है आखिर वे छिपे कहां हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति को हर जगह खोज रहे हैं।

श्रीलंका सरकार के दो मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

हिंसक प्रदर्शन के बीच श्रीलंका सरकार के दो मंत्रियों हरिन फर्नांडो और मानुषा ननायाक्कारा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। श्रीलंका के सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए। उन्होंने लोगों से मुद्दे को एकजुट होकर हल करने की मांग की है।

अमेरिका ने श्रीलंका के नेताओं से की ये अपील

अमेरिका ने श्रीलंका के नेताओं से आर्थिक स्थिरता हासिल करने के लिए जल्दी से कोई बड़ा कदम उठाने के लिए कहा है। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी नई सरकार को उन समाधानों की पहचान करने और उन्हें लागू करने के लिए तेजी से काम करना चाहिए जो दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता प्राप्त करेंगे और श्रीलंका के लोगों के असंतोष को दूर करेंगे।

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