भागवत के डीएनए बयान पर बोले दिग्विजय, कहा-भागवत और ओवैसी का डीएनए भी एक, फिर धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने का क्या फायदा है?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान पर वरिष्ठ कांग्रेसी और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तंज कसा है। उन्होंने कहा, ‘अगर हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है, तो धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने का क्या फायदा है?

लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की क्या जरूरत थी? इसका मतलब है कि मोहन भागवत और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का डीएनए भी एक ही है। सिंह ने यह बयान मध्यप्रदेश के सीहोर में बुधवार देर रात एक श्रद्धांजलि सभा के बाद पत्रकारों के सवाल पर दिया।

दिग्विजय सिंह के बयान पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सर संघचालक मोहन भागवत की सोच राष्ट्र की एकता और अखंडता की है तो वहीं दिग्विजय की सोच अलगाववादी वाली है। उनके (दिग्विजय) बयानों में सिर्फ और सिर्फ समाज के विभाजन की बातें और सांप्रदायिकता ही नजर आती है।

एक दिन पहले भी दिग्विजय सिंह ने एक खबर की कटिंग को ट्वीट करके मोहन भागवत और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को एक-दूसरे का मददगार बताया था। इससे पहले भी 5 जुलाई को दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि मोहन भागवतजी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?

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