डॉक्टर्स हड़ताल पर, टाले 300 ऑपरेशन

राइट टू हेल्थ
राइट टू हेल्थ

जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टर्स को टर्मिनेट करने की चेतावनी

जयपुर में दोबारा सड़कों पर उतरे

जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल पास हुए दो दिन हो चुके है लेकिन इस बिल को लेकर डॉक्टर्स का विरोध अभी तक नहीं थमा है। जयपुर समेत जोधपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर में प्राइवेट हॉस्पिटल के साथ ही सरकारी हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर्स का विरोध लगातार जारी है। इधर, रेजिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से जयपुर के स्रूस् समेत प्रदेश के अन्य बड़े शहरों की व्यवस्थाएं बिगड़ गई है। हालात ये है कि अकेले जयपुर और जोधपुर में 300 से ज्यादा ऑपरेशन टालने पड़े। हड़ताल के चलते सरकारी हॉस्पिटल की ओपीडी भी आधी रह गई है। मरीज डॉक्टर्स के लिए भटक रहे हैं लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल रहा है।

जोधपुर
जोधपुर में गुरुवार को मेडिकल कॉलेज सभागार में बैठक का आयोजन किया गया।

गुरुवार को भी प्रदेश के बड़े हॉस्पिटल में कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिले। मरीजों का कहना था कि दो घंटे से चक्कर काट रहे हैं, पहले डॉक्टर नहीं मिले और अब पता चला कि हमें कल दोबारा इलाज के लिए आना पड़ेगा। ऐसे में अब मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट अपने स्तर पर कड़े निर्णय ले रहा है। जोधपुर में गुरुवार को हुई मीटिंग में मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दिलीप कच्छावाह ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को टर्मिनेट करने की चेतावनी दी है। मीटिंग में उन्होंने साफ कहा कि यदि आज शाम तक ये काम पर नहीं लौटते हैं तो इन्हें टर्मिनेट किया जाए।

जयपुर
जयपुर में चरक भवन के सामने से गुजरने वाले JLN मार्ग को बंद करवाते डॉक्टर्स।

वहीं, जयपुर में एक बार फिर से सभी डॉक्टर्स सड़कों पर उतर आए है। गुरुवार दोपह करीब 12:30 बजे डॉक्टर बैनर लेकर एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचे। यहां से रैली निकाले हुए छ्वरुहृ मार्ग पर आए। इसके बाद चरक भवन के सामने से गुजरने वाले जेएलएन मार्ग को बंध करवाया। इधर, इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा।

विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान डॉक्टर्स जेसीबी लेकर पहुंच गए और जेएलएन मार्ग को बंद किया।

कुछ देर बाद ही डॉक्टर्स सड़क पर जेसीबी पर बैठ पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां से गुजर रही गाडिय़ों को भी रुकवा दिया गया। इस पर एक कैब ड्राइवर से डॉक्टर्स उलझ गए और धक्का-मुक्की करने लगे। इस पर मौजूद पुलिसकर्मियों से मामला शांत करवाया। और, ड्राइवर को कैब में बैठा वहां से रवाना किया।

जयपुर : 180 ऑपरेशन टालने पड़े, इमरजेंसी में इंटर्न

सवाई मानसिंह (स्रूस्) की बात करें तो यहां जनरल, ईएनटी, ऑथो समेत अलग-अलग डिपार्टमेंट और सेक्शन में कल छोटी-बड़ी 230 ही सर्जरी हो सकी, जबकि सामान्य दिनों ये 400 से भी ज्यादा हो जाती है। एसएमएस हॉस्पिटल के सुप्रीडेंट डॉक्टर अचल शर्मा ने बताया कि मरीजों की संख्या देखा जाए तो जितनी आम दिनों में आ रही थी उतनी ही आ रही है, लेकिन रेजिडेंट्स के हड़ताल पर जाने से वर्कलोड सीनियर पर बढ़ गया है। इसके कारण सर्जरी और दूसरी काम प्रभावित हुए है।

एसएमएस की रेडियोलॉजी (एक्स-रे, सोनेग्राफी, सिटी स्कैन, एमआरआई) माइक्रोबायोलॉजी, बायोकैमेस्ट्री लैब में भी जांच कम हो गए। इन तीनों सेक्शन में हर रोज अमूमन 33 हजार से ज्यादा टेस्ट होते थे, जो बुधवार को कम होकर 23 हजार ही रह गए। बांगड़ यूनिट के 2-डी इको लैब में जहां हर रोज औसतन 150 से ज्यादा लोगों की जांच होती थी, वह कल 80 ही हुई

20 फीसदी तक कम हुई ओपीडी, सामान्य मरीज भी आना बंद

ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो गई है। 21 मार्च को जहां पूरे स्रूस् में ओपीडी मरीजों की संख्या 10,542 थी वह कल कम होकर 8152 पर रह गई। मार्च को 345 थी, वह कम होकर 22 मार्च को 232 पर आ गई। जबकि स्रूस् में हर रोज करीब 400 से ज्यादा मरीजों की भर्ती होती है।

डॉक्टर अचल शर्मा का कहना है कि विकट स्थिति को देखते हुए हमने पहली प्रायोरिटी इमरजेंसी और ओपीडी में आने वाले सीरियस मरीजों को दी जा रही है। इसलिए इमरजेंसी में आ रहे गंभीर मरीजों को प्राथमिकता देकर ऑपरेशन कर रहे हैं। इमरजेंसी में इंटर्न और पैरा मेडिकल स्टाफ को तैनात कर रखा है।

जोधपुर : एक दिन में टाले गए 100 से ज्यादा ऑपरेशन

जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के अधीन महात्मा गांधी, एमडीएम और उम्मेद हॉस्पिटल में 500 के करीब रेजिडेंट है। तीनों ही अस्पताल में ओपीडी घट गई। मथुरादास माथुर अस्पताल में मंगलवार को ओपीडी 5 हजार 255 थी, जो बुधवार को घटकर 3708 रह गई। यहां पर इमरजेंसी में 32 ऑपरेशन हुए। महात्मा गांधी हॉस्पिटल में सामान्य दिनों में ओपीडी 1500 से 2 हजार तक रहती है, जो 1703 रह गई। जबकि उम्मेद हॉस्पिटल में 1200 ओपीडी रहती है, जो बुधवार को 840 रह गई। बुधवार को जोधपुर के तीनों ही बड़े बड़े अस्पताल और जिला अस्पताल पावटा में मिलाकर 54 मेजर ऑपरेशन ही हुए। सामान्य दिनों में अकेले एमडीएम हॉस्पिटल में 50 से अधिक ऑपरेशन होते हैं।

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