डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व बैंक की अंतर-मंत्रालय बैठक में दक्षिण एशिया में वैक्सीन लगाने विषय पर संबोधित किया

  • को-विन डिजिटल प्टेलफॉर्म से नागरिकों को क्यूआर कोड आधारित इलेक्ट्रोनिक वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विश्व बैंक की अंतर-मंत्रालय बैठक में दक्षिण एशिया में वैक्सीन लगाने के विषय पर संबोधित किया। भारत में कोविड-19 महामारी से संबंधित पूर्ण सरकार की अग्रसक्रिय, निर्धारित और श्रेणीकृत कार्रवाई के विवरण का सारांश प्रस्तुत करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि प्रभावी योजना और महत्वपूर्ण प्रबंधन से भारत प्रति दस लाख पर मामलों की संख्या 7,078 रख पाया है। हालांकि वैश्विक औसत 8,833 है। भारत में मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत 2.29 प्रतिशत से बहुत कम है। इसके बाद उन्होंने वैक्सीन वितरण विशेषज्ञता. विनिर्माण और भारत की भंडारण क्षमता के साथ-साथ सुचारू कोविड वैक्सीनेशन के लिए भारत में उपलब्ध अनुभव और व्यापक पेशेवरों के नेटवर्क के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि विश्व में 260 वैक्सीन केंडिडेट विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें से 8 केंडिडेट के वैक्सीन का विनिर्माण भारत में किया जाएगा, जिनमें तीन स्वदेशी शामिल हैं। हमने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ब्रिटेन और थॉमस जेफरसन युनिवर्सिटी अमरीका जैसे अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों का सरकारी और निजी भारतीय कंपनियों के साथ वैक्सीन अनुसंधान में सहयोग लिया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उम्मीद है कि आगामी कुछ सप्ताह में वैक्सीन मिल जाएगी और वैक्सीनेशन का काम संबंधित विनियामक एजेंसी की अनुमति मिलते ही शुरू कर दिया जायेगा। मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण कार्यक्रम में वर्तमान डिजिटल हस्तक्षेप का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि हमारा देश उन्नत को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म बना रहा है, जिससे नागरिकों को वैक्सीन के लिए अपना पंजीकरण कराने, अपनी स्थिति पर निगरानी रखने की सुविधा मिलेगी और उन्हें प्रक्रिया पूरी होने पर क्यूआर कोड आधारित इलेक्ट्रोनिक सर्टिफिकेट दिया जाएगा।