डॉ. हर्षवर्धन ने डॉक्टर्स डे पर ई-कॉन्कलेव वर्ष भर के अंगदान अभियान का शुभारंभ किया

डॉ हर्ष वर्धन, Dr. Harsh Vardhan
डॉ हर्ष वर्धन, Dr. Harsh Vardhan

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डॉक्टर्स डे पर ई-कॉन्कलेव और वर्ष भर के अंगदान अभियान का शुभारंभ किया। इसका आयोजन फेडरेशन ऑफ ओबस्टेट्रिक एंड गाइनोकॉलोजिकल सोसायटीज ऑफ इंडिया (एफओजीएसआई) ने किया है।

प्रारंभ में डॉ. हर्षवर्धन ने राष्ट्र की ओर से स्वतंत्रता- पूर्व काल में भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष और बाद में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे डॉ. बिधान चंद्र राय को उनकी एक जुलाई को जन्म जयंती और पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, उन्होंने अपनी निष्ठा और अथक प्रयास से चिकित्सा को नेक पेशा बनाया। डॉ. हर्ष वर्धन ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि एफओजीएसआई कोविड-19 महामारी के दौरान महिलाओं को मदद प्रदान करने के लिए कई पहल कर रही है और तेजी से काम कर रही है।

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उन्होंने डॉक्टरोंं से आग्रह किया कि वे कोविड-19 के कठिन दौर में अपनी सेवाएं अर्पित करें। डॉ. हर्ष वर्धन ने यह भी कहा कि सारस-2 कोरोना वायरस में विश्व के लगभग सभी देशों को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि भारत अन्य विकसित और संपन्न देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।

डॉ. हर्षवर्धन ने राष्ट्र की ओर से स्वतंत्रता- पूर्व काल में भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष और बाद में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे डॉ. बिधान चंद्र राय को श्रद्धांजलि अर्पित की

हमारी मृत्यु दर 2.97 प्रतिशत है, जो कि अन्य देशों के मुकाबले बहुत कम है, जबकि रिकवरी दर 60 प्रतिशत को छू रही है, जिससे पता चलता है कि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली और बुनियादी ढांचा कोविड-19 से उत्पन्न चुनौती का भली-भांति मुकाबला कर रहा है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘अंगदान का विषय मेरे दिल के करीब है और मुझे याद है कि दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्री होते समय मैंने देह दधिची अभियान शुरू किया था, जिसके तहत लोगों को अपनी मृत्यु के पश्चात अंगदान करने का संकल्प लेने का आग्रह किया गया था।

उन्होंने पिछले वर्ष ए स में आयोजित अंगदानकर्ताओं और अंग प्राप्त कर स्वस्थ हुए लोगों के एक कार्यक्रम के आयोजन का स्मरण किया और कहा कि इसमें कई भावुक क्षण महसूस किए गए थे। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अंगदान करने से आठ लोगों की जान बचाई जा सकती है।’ अंग प्रत्यारोपण के लिए मांग और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर है। देश में प्रत्यारोपण के अभाव में प्रतिवर्ष पांच लाख लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है।

उन्होंने एफओजीएसआई से कहा कि वह गर्भाश्य प्रत्यारोपण पर ध्यान केन्द्रित करें और इसके लिए गर्भाश्य दान का अभियान चलाए। डॉ. हर्ष वर्धन ने एफओजीएसआई द्वारा वर्ष भर के शुरू किए गए अंग प्रत्यारोपण अभियान की शुरूआत की और संगठन के सभी सदस्यों को अंगदान की शपथ दिलाई।