डॉक्टर विवेक मूर्ति को बाइडन के कार्यबल का सह अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है

वॉशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक डॉक्टर विवेक मूर्ति को कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यबल का सह अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। बाइडन सोमवार को अपने कार्यबल की घोषणा कर सकते हैं।

मूल रूप से कर्नाटक से संबंध रखने वाले मूर्ति (43) को 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिका का 19वां सर्जन जनरल नियुक्त किया था। ब्रिटेन में जन्मे मूर्ति 37 साल की आयु में उस पद पर आसीन होने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। बाद में ट्रंप प्रशासन के दौरान उन्हें उस पद से हटा दिया गया था।

बाइडन ने शनिवार रात डेलावेयर के विलमिंगटन ने अपने विजयी भाषण में कहा, मैं बाइडन-हैरिस कोविड योजना में मदद और 20 जनवरी 2021 से इसे अमल में लाने के लिए अग्रणी वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के समूह की घोषणा करूंगा।

बाइडन ने हालांकि यह नहीं बताया कि इस कार्यबल का नेतृत्व कौन करेगा। वाशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि पूर्व सर्जन जनरल डॉक्टर मूर्ति और पूर्व खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डेविड केसलर को कार्यबल का सह अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।

समाचार पत्र ने कहा, कार्यबल कुछ दिन में बैठकें शुरू कर सकता है। चुनाव प्रचार के दौरान मूर्ति जन स्वास्थ्य और कोरोना वायरस के मुद्दों पर बाइडन के शीर्ष सलाहकारों में से एक सलाहकार बनकर उभरे थे। कई लोगों का मानना है कि उन्हें बाइडन प्रशासन में स्वास्थ्य मंत्री बनाया जा सकता है।

बता दें कि शनिवार को अमेरिकी चुनाव के अंतिम परिणाम आ गए। जो बाइडन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुने गए हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडन ने 290 इलेक्टोरल वोट हासिल किए वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 214 वोट मिले। 

यानी ट्रंप से उन्हें 76 और बहुमत के लिए जरूरी 270 से 20 वोट ज्यादा मिले हैं। इसी के साथ ही तीन नवंबर को चुनाव के बाद शुरू हुई गहमागहमी समाप्त हो गई और अमेरिका के इस चुनावी नाटक का पटाक्षेप हो गया।  

भारतीय मूल की कमला हैरिस ने भी इस चुनाव में जीत के साथ इतिहास रच दिया है। वह पहली ऐसी महिला हैं जो अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होंगी। भारत के लिए भी गर्व की बात है कि भारतीय मूल की एक महिला अमेरिकी उपराष्ट्रपति का पद संभालेंगी।