कैंसर से बचाव के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर लगाए जा रहे अर्ली डिटेक्शन कैंप

जयपुर। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कैंसर की जल्दी पहचान ही कैंसर पर नियंत्रण का काम करती है। इसीलिए चिकित्सा विभाग द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय चिकित्सालयों में अर्ली कैंसर डिटेक्शन शिविर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने आमजन से किसी भी लक्षण मिलने पर तुरंत शिविरों का लाभ लेने की अपील की है। डॉ. शर्मा गुरुवार को स्वास्थ्य भवन में विश्व कैंसर दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन शिविरों में अब तक एक लाख से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कर लगभग 4 हजार संभावित मरीजों को चिन्हित किया है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य के संगठन के अनुसार नॉन कम्यूनिकेबल डिजीजेज से होने वाली मौतों में 60 प्रतिशत से अधिक मौतों का मुख्य कारण कैंसर है। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार दुनिया में 2 करोड लोग कैंसर ग्रस्त हैं एवं प्रतिवर्ष 90 लाख नए कैंसर मरीज सामने आ रहे हैं। 

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि भारत में प्रत्येक एक लाख की जनसंख्या पर 94 पुरुष एवं 104 महिलाएं कैंसर के रोगी हैं। राजस्थान की बात करेें तो अनुमानतया कैंसर सेे लगभग 60 हजार व्यक्ति पीड़ित हैं। प्रतिवर्ष लगभग 20 हजार नए व्यक्ति कैंसर से पीड़ित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कैन्सर का सर्वाेत्तम उपचार बचाव ही है। उन्होंने बदलती जीवनशैली, भागदौड़ भरी जिंदगी, बढ़ते तनाव, शारीरिक श्रम में कमी के चलते कैंसर जैसी घातक बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि जीवन-शैली को सुधारकर 60 प्रतिशत मामलों में कैन्सर से बचा जा सकता है। 

डॉ. शर्मा ने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की प्रभावी रोकथाम के लिये जनचेतना जाग्रत करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर प्रदेश को रोगमुक्त करने के लिए ‘निरोगी राजस्थान‘ अभियान की शुरूआत की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में ऐसा माहौल बनाना है ताकि लोग बीमार ही न पड़ें। इसके लिए प्रत्येक राजस्व गांव से एक-एक महिला और पुरुष को स्वास्थ्य मित्र के रूप में चयन किया गया है। चिकित्सा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार सबको स्वास्थ्य का अधिकार देने को कृत-संकल्पित है। उन्होंने कहा कि आमजन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकार जल्द ही ‘राइट टू हेल्थ‘ बिल भी लाएगी। 

चिकित्सा शासन सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि कैंसर के जल्दी पहचान कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कैंसर स्क्रीनिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही जिला स्तर पर टेली कॉन्फ्रेंस या टेली मेडिसन के जरिए कैंसर पीड़ितों को परामर्श देने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

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नोडल अधिकारी श्री आर एन मीणा ने बताया कि आमजन को जागरुक और शिक्षित करके ही बढ़ते कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में 100 से ज्यादा तरह के कैंसर होते हैं। इनमें मुंह, स्तर और बच्चेदानी का कैंसर प्रमुख है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रत्येक माह के बुधवार को अर्ली कैसंर डिटेक्शन कैंप लगाकर राहत दी जा रही है। जनस्वास्थ्य निदेशक श्री के के शर्मा ने बताया कि गैर संचारी रोगों में कैंसर मुख्य बीमारी है। उन्होने इसके बारे में लोगों को जागरुक करने पर जोर दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री नरेश कुमार ठकराल, आरसीएच निदेशक श्री लक्ष्मण सिंह ओला, डॉ संदीप जसूजा व विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।