कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश पर भेजने का एयर इंडिया ने लिया फैसला

नई दिल्ली। राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया (एआई) केवल पायलटों द्वारा दिए गए सुझावों का पालन कर रही है। पायलटों ने सुझाव दिया था कि कोरोना वायरस महामारी के मुश्तिल समय में कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश पर भेजा जाए।

विमानन मंत्री ने बताया उचित कदम

मालूम हो कि नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी एयर इंडिया द्वारा अपने कुछ कर्मचारियों को पांच साल के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेजने के फैसले को उचित ठहराया था। उन्होंने कहा था कि एयर इंडिया में हर साल 500-600 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश वहनीय नहीं है और एयर इंडिया को लागत कटौती के उपाय करने होंगे। 

कंपनी में 1600 से अधिक कर्मचारी

एयर इंडिया 125 एयरक्राफ्ट का परिचालन करती है और कंपनी के एचआर और वित्त विभाग में 1600 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इसलिए कोरोना काल में उचित कदम उठाए जाने की जरूरत है। कई एयरलाइंस ने कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश दिया है।

इस हिसाब से हो रहा कर्मचारियों का चयन

इस संदर्भ में एयर इंडिया ने पहले कहा था कि उसने अनिवार्य रूप से पांच साल तक बिना वेतन अवकाश पर भेजने के लिए कर्मचारियों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन कर्मचारियों को दक्षता, स्वास्थ्य और अतिरिक्त संख्या के हिसाब से चुना जाएगा। 

हरदीप सिंह पुरी ने दिया बयान

मामले में हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि, हमारे पास और क्या विकल्प है? यदि विकल्प होते तो लागत में इतनी कटौती की जरूरत नहीं होती। अगली बार जब मैं वित्त मंत्री के कमरे में प्रवेश करूंगा, तो मुझे कुछ घबराहट होगी।

पुरी ने कहा कि यदि एयर इंडिया अभी सरकार से वित्तीय समर्थन मांगे तो उसके लिए एयरलाइन की मदद करना संभव नहीं होगा। सरकार को कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित समाज के कमजोर तबकों को राहत प्रदान करनी है।

इस संदर्भ में छह जुलाई 2020 को एयर इंडिया के चेयरमैन राजीव बंसल को पत्र भी लिखा गया था। उसे पढऩे के लिए यहां क्लिक करें।