वित्तीय समावेशन से प्रशस्त होता है आर्थिक विकास का मार्ग

सनातन धर्म राजकीय कॉलेज में वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी

अजमेर। सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय एवं अर्थशास्त्र विभाग राष्ट्रीय स्तर की ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में प्राचार्य अरुणा गुप्ता ने बताया कि ‘वित्तीय समावेशन से ही आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होता है, इसमें बैंकिंग क्षेत्र का विशेष योगदान है।

समन्वयक डॉ एम आर सिंगारिया ने संगोष्ठी का परिचय प्रस्तुत करते हुए बताया कि वित्तीय समावेशन में यह सुनिश्चित किया जाता है की अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को आर्थिक विकास के लाभों से संबद्ध किया जाए। कोई भी व्यक्ति आर्थिक सुधारों से वंचित ना रहे, इसके लिए जनसाधारण में जागरूकता आवश्यक है।

बैंकिंग एवं वित्तीय समावेशन विषय पर ऑनलाइन मोड पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. देवाराम ने भारत के आर्थिक विकास के साथ-साथ वित्तीय समावेशन की बढ़ती आवश्यकता एवं क्षेत्र पर प्रकाश डाला। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की डॉ प्रेरणा जैन ने राष्ट्र के धारणीय विकास में वित्तीय समावेशन के महत्व के बारे में जानकारी दी।

सीकर की प्रो. कमल कंवर राठौड़ ने भारत में बैंकिंग एवं वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में चुनौतियों पर अपने विचार रखें। संगोष्ठी में पगडंडी ग्रुप ऑफ़ कंपनीज की गायत्री जोशी ने भारत में ग्रामीणों, गरीबों एवं आम जनों के वित्तीय समावेशन में सुकन्या समृद्धि योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री बीमा योजना आदि कार्यक्रमों के विषय में बताया। अंत में वाणिज्य संकाय प्रभारी रामस्वरूप भांबी एवं धीरज कुमार पारीक सह समन्वयक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन आयोजन सचिव महिमा गुप्ता ने किया।

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