शिक्षा नगरी कोटा में बाढ़ के हालात

कालीसिंध बांध
कालीसिंध बांध के 10 गेट खोले गए हैं, जिससे 1 लाख 46,843 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

9 इंच बरसा पानी, स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां

6 बांधों के गेट खोले

कोटा। भारी बारिश के कारण कोटा में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। बंगाल की खाड़ी से शुरू हुए डीप डिप्रेशन सिस्टम के साथ राजस्थान में एंट्री करने से शानदार बारिश का दौर शुरू हो गया है। पिछले चौबीस घंटे में राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश का दौर बना हुआ है। कोटा, जयपुर,उ दयपुर और भरतपुर संभाग में तेज बारिश का दौर शुरू हो गया। पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश कोटा शहर में हुई है। यहां 9 इंच तक पानी बरसा, जिससे बाढ़ के हालात पैदा हो गए। प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां घोषित कर दी। जयपुर में भी रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक बरसात हुई। इधर, मध्य प्रदेश में हो रही भारी बरसात से कालीसिंध, चंबल, परवन नदियां का जलस्तर बढऩे से राजस्थान की टेंशन बढ़ गई। इन नदियों पर बने सभी बांधों के गेट खोल दिए हैं।

यहां-यहां से छोड़ा पानी

कोटा में बारिश के बाद बोरखेड़ा के आवासीय कॉलोनी में भरा पानी।

जल संसाधन विभाग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक आज गांधी सागर के 8 गेट खोलकर चंबल में पानी छोड़ा गया, जिससे राणा प्रताप सागर बांध के 6, जवाहर सागर के 7 और कोटा बैराज के 13 गेट खोले गए हैं। कोटा बैराज से 2 लाख 41 हजार 96 पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे चंबल नदी से लगते गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए है। कालीसिंध बांध के 10 गेट खोले गए, जिससे 1 लाख 46,843 क्यूसेक पानी, जबकि भीम सागर के 4 गेट खोलकर 14 हजार 400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

कोटा का रूक्क से संपर्क कटा

कोटा में भारी बरसात से मोखापाड़ा के सामने सरकारी स्कूल की दीवार गिर गई।

कोटा शहर में पिछले 24 घंटे के दौरान 224 एमएम (9 इंच) बरसात हुई, जो पिछले 6 साल में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड है। इससे पहले 7 अगस्त 2016 को कोटा में सर्वाधिक 193 एमएम बारिश दर्ज हुई थी। तेज बारिश के कारण कोट शहर की कई बस्तियां जलमग्न हो गई। पार्वती नदी का जलस्तर बढऩे के बाद कोटा के इटवा स्थित खातोली की पुलिया पर पानी आने के कारण कोटा-श्योपुर राजमार्ग बंद हो गया।

खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी परवन, कालीसिंध नदी

बूंदी में तेज बारिश से सड़क पर नदी की तरह पानी बहने लगा।

झालावाड़ प्रशासन ने कोटा, बूंदी, बारां जिलों को अलर्ट भेजा है। एसडीआरएफ और प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए है। क्योंकि कालीसिंध और परवन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बारां के बड़ौद में कालीसिंध नदी का जलस्तर 210.25 मीटर तक चला गया है, जबकि इस नदी का उच्चतम लेवल 223.80 मीटर है। परवन नदी भी 310.35 मीटर पर बह रही है, जबकि नदी का खतरे का स्तर 309 मीटर है। कोटा में चंद्रलोई नदी का जलस्तर भी 244.04 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 1.96 मीटर कम है।

टोंक में 12 घंटे में रिकॉर्ड 7 इंच बारिश

टोंक शहर में 9 साल बाद 7 इंच से अधिक (180रूरू) बारिश हुई। इससे शहर की कुछ कॉलोनियों में पानी भर गया। सड़कें दरिया बन गई। करीब आधा दर्जन कच्चे घर गिर गए है। हालांकि इससे कोई जनहानि नहीं हुई। न रात भर से सुबह दस बजे तक हुई बारिश से लोगों को दिनचर्या बाधित रही। बीसलपुर में भी पानी की आवक रविवार के मुकाबले बढ़ गई है। आज बीसलपुर का जलस्तर भी 12 घंटे में सात सेंटीमीटर बढ़ गया है। सुबह 8 बजे तक बांध क जलस्तर 13.02 आरएल मीटर हो गया है। जिले में अब औसत बारिश 66 एमएम हुई है।

उदयपुर में बाइक समेत नदी में बहे 2 युवक

उदयपुर के डबोक इलाके में पुलिया पार करते वक्त रविवार देर रात बाइक सवार 2 युवक नदी में बह गए। लोगों की सूचना पर नागरिक सुरक्षा विभाग और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू किया। सोमवार सुबह से एक बार फिर रेस्क्यू जारी है। बाइक सवार युवकों की पहचान नहीं हो पाई है। हादसा रविवार रात 8 बजे ओरडी-नांदवेल मार्ग पर बनी पुलिया पर हुआ। दोपहर 12 बजे रेस्क्यू टीम ने बाइक को नदी से बाहर निकाला।

इन जिलों में हुई भारी बारिश

मौसम केन्द्र जयपुर और जल संसाधन विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान कोटा, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी, बारां जिलों के कई इलाकों में 2 से लेकर 9 इंच तक बरसात हुई। झालावाड़, कोटा में तो बाढ़ जैसे हालात हो गए। मौसम केंद्र जयपुर की मानें तो ये सिस्टम (डीप डिप्रेशन) धीरे-धीरे पश्चिम दिशा की ओर से बढ़ रहा है। संभावना है कि आज देर रात से या कल से जोधपुर, अजमेर संभाग के जिलों में भारी बारिश का दौर शुरू हो जाएगा।

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