मध्यप्रदेश में बारिश से हालात मुश्किल में, होशंगाबाद में बने बाढ़ के हालात

सेना और हेलिकॉप्टर बुलाए गए, सीएम ने की आपात बैठक, अगले 48 घंटे में 24 जिलों में अलर्ट

होशंगाबाद। मध्यप्रदेश के बारिश से हालात मुश्किल हो रहे हैं। होशंगाबाद में बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। इसके चलते अब सेना को बुलाया गया है। एनडीआरएफ की दो यूनिट भी मदद के लिए पहुंच रही हैं। शाम तक हेलिकाप्टर भी होशंगाबाद पहुंच जाएंगे। उधर, राजधानी भोपाल में भी शुक्रवार से लगातार बारिश का दौर जारी है। शनिवार सुबह 6 बजे तक भोपाल में 97.7 मिमी पानी रिकॉर्ड किया गया।

दरअसल, लगातार हुई बारिश से प्रदेश में 251 में से 120 डैम में पानी क्षमता से 90 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है। ऐसे में ज्यादातर डैम को गेट खोलने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। होशंगाबाद की बात करें तो यहां भारी बारिश से नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान 964 फीट से 4 फीट ऊपर यानी 968.90 पर पहुंच गया। तवा डैम के सभी 13 गेट को 30-30 फीट खोलकर 5 लाख 33 हजार 823 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है।

फिलहाल बारिश से राहत नहीं

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने छिंदवाड़ा, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर और आगर में रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा भोपाल और इंदौर समेत 18 जिलों में तेज बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।

होशंगाबाद में बाढ़ के साथ ही सीहोर, रायसेन, सागर में तेज बारिश और मौसम खराब होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना दौरा रद्द कर दिया। सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री निवास पर आपात बैठक बुलाई। उन्होंने प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि स्थिति पर नजर बनाए रखें। जहां जैसी जरूरत हो, उस पर तुरंत कदम उठाएं।

शिवराज ने कहा कि नर्मदा और उसकी सहयोगी नदियों में जलस्तर बढ़ गया है। कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले 48 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अलर्ट पर हैं।

खंडवा, खरगोन, बड़वानी और धार जिलों को रेड अलर्ट

इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने के बाद नर्मदा ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण खंडवा, खरगोन, बड़वानी और धार जिलों को रेड अलर्ट पर रखा गया है। खंडवा में प्रशासन नर्मदा के किनारे बसे गांवों पर नजर रखे हुए हैं। दोनों बांधों से करीब 10 हजार क्यूसेक प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। वहीं, सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर में लगातार इजाफा हो रहा है। लोग नाव की मदद से सामान शिफ्ट कर रहे हैं।