कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए वाराणसी में किया यज्ञ

वाराणसी। प्राचीन काल की भारत भूमि एवं पवित्र धर्मस्थलों की वापसी, इस्लामी जेहादियों के आतंक से मुक्ति के संकल्प के साथ पातालपुरी सनातन धर्म रक्षा परिषद द्वारा पातालपुरी मठ नरहरपुरा में हनुमान चालीसा का 11 दिवसीय हवनात्मक यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। हनुमान चालीसा के प्रत्येक चौपाई पर आहुति डालकर अनुष्ठान किया जाता है और प्रतिदिन एक धर्मस्थल की वापसी के संकल्प के साथ 108 बार हनुमान चालीसा पढ़कर यज्ञ हवन होता है।

यज्ञ के चौथे दिन कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का संकल्प लेकर यज्ञ किया गया। यज्ञ के दौरान सबसे आश्चर्य जनक बात रही कि यज्ञ करते समय हवनकुंड में हनुमान की आकृति उभरी, इसे देखकर अनुष्ठान करने वाले भाव विभोर हो गए। वहां मौजूद कई लोगों ने आकृति की तस्वीर उतारी। हनुमान को प्रसन्न करने के लिए ही 11 दिवसीय हनुमान चालीसा हवनात्मक यज्ञ आयोजित किया जा रहा है। हनुमान की आकृति उभरने से जय सियाराम, जय बजरंग बली का जयकारा लगा।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने नई दिल्ली से ऑनलाइन संबोधन में कहा कि तिब्बत की आजादी के साथ ही कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का मार्ग निकलेगा। करोड़ों सनातनियों के लिए वह पवित्र स्थल है। भारत मठों, पवित्र मंदिरों और वैदिक ज्ञान की वजह से ही विश्व गुरु था। इस मौके पर अयोध्या श्रीराम पीठ के केंद्रीय व्यवस्था प्रमुख डा. राजीव श्रीवास्तव, अर्चना भारतवंशी, इली भारतवंशी, गुलाब दास साहू, अभिषेक जायसवाल, जयशंकर प्रसाद गुप्ता आदि ने आहुति डाली।