पूर्व मुख्यमंत्री ने तोड़ी चुप्पी, वसुंधरा राजे का 9 दिन में पहला बयान

जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य के लोग इस कलह की कीमत चुका रहे हैं।

राजस्थान में अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट के बीच चले सियासी घमासान का कांग्रेस ने पायलट को बाहर का रास्ता दिखा एक तरह से पटाक्षेप कर दिया. अब गहलोत सरकार को बचाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस वायरल हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कथित ऑडियो टेप को आधार बनाकर पूरे संकट के लिए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर है.

कांग्रेस ने भाजपा पर गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था. अब भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ते हुए मोर्चा संभाला है. वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस, भाजपा और भाजपा नेतृत्व पर दोष मढ़ने का प्रयास कर रही है. सरकार के लिए सिर्फ और सिर्फ जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए. उन्होंने तंज करते हुए कहा है कि कभी तो जनता के बारे में सोचिए.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के आंतरिक कलह का नुकसान आज राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है.” वह इतने पर ही नहीं रुकीं. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण प्रदेश में 500 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. टिड्डी किसानों के खेत पर लगातार हमले कर रही है. महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सीमाएं लांघ दी हैं. प्रदेश में बिजली समस्या चरम पर है. ऐसे समय में कांग्रेस भाजपा पर दोष मढ़ने का प्रयास कर रही है.

गौरतलब है कि क्षेत्रफल के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चंद रोज गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम और सत्ताधारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट के बीच शुरू हुए सत्ता संघर्ष में अब ऑडियो टेप कांड के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नाम भी आ गया है.

ऑडियो टेप के बहाने कांग्रेस सीधे भाजपा पर अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है. कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम भी घसीटते हुए उनकी भूमिका की जांच की मांग की थी. बता दें कि सचिन पायलट ने बागी तेवर अपना दावा किया था कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई है. कांग्रेस ने पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री पद से हटा दिया था.